Rohit Sharma: पिंक बॉल हो या रेड बॉल टेस्ट, पहली पारी में रन बनाना बेहद ज़रूरी होता है और भारतीय टीम हालिया समय में अमूमन इस मामले में पिछड़ती नज़र आई है। पिछले पांच टेस्ट में यह चौथी बार है जब भारतीय टीम 200 से अधिक का स्कोर नहीं बना पाई। एडिलेड में 180 के स्कोर पर सिमटने के अलाव पर्थ में भी भारतीय टीम ने पहली पारी में 150 रन ही बनाए थे । इसके साथ ही पुणे में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने 156 और बेंगलुरु में 46 रन ही बनाए। रोहित शर्मा ने यह ज़रूर कहा कि यह सभी मैच मुश्किल परिस्थिति में खेले गए थे लेकिन उन्होंने इसके साथ ही बल्लेबाज़ी में और बेहतर करने की गुंजाइश से इनकार नहीं किया।
भारत की 10 विकेट की हार के बाद रोहित ने कहा, "जब आप ऑस्ट्रेलिया आते हैं तब टेस्ट मैच जीतने के लिए बोर्ड पर रन खड़े करना बहुत ज़रूरी होता है। हमने पहली पारी में 30-40 रन कम बनाए। और जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज़ी कर रही थी तब हम अवसरों को भुनाने में असफल रहे (ट्रैविस हेड का 78 के निजी स्कोर पर कैच छूटा था और उन्होंने बाद में 140 रन बनाए)। ज़ाहिर तौर पर जब आप ऐसे अवसर नहीं भुना पाते तब चीज़ें आगे उतनी आसान नहीं रहती। दूसरी पारी में हमने सोचा कि परिस्थिति बेहतर है लेकिन हम बल्लेबाज़ी में विफल साबित हुए।
"निश्चित तौर पर हमने भारत में भी बल्ले के साथ अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था और हम यह स्वीकारते हैं। जब हम भारत में खेलते हैं तो हम मुश्किल परिस्थिति में बल्लेबाज़ी करने की कोशिश करते हैं और यही हम चाहते भी थे। यह हमारा निर्णय था क्योंकि हमें पता था कि बड़े स्कोर वाले मैच नहीं होंगे और पिछले चार पांच वर्षों से ऐसी स्थिति रही है और हम इसे स्वीकारते हैं।