अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा आयोजित डूरंड कप देश में फुटबॉल से जुड़ा सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है। यह टूर्नामेंट एशिया का सबसे पुराना और विश्व का तीसरा सबसे पुराना टूर्नामेंट है। डूरंड कप की शुरुआत 1888 में हेनरी मॉर्टिमर डूरंड द्वारा शिमला में की गई थी। उस समय भारत ब्रिटिश राज के अधीन था और डूरंड कप का लक्ष्य अंग्रेज अधिकारियों के बीच फुटबॉल को बढ़ावा देना था।
1947 में भारत की आजादी के बाद डूरंड कप का आयोजन भारत में बंद करने और इसे पाकिस्तान का टूर्नामेंट बनाने की कोशिश हुई थी। लेकिन, तब के रक्षा सचिव एच.एम. पटेल की बदौलत ये टूर्नामेंट भारत का रहा और आज देश-दुनिया में भारतीय फुटबॉल की पहचान के रूप में प्रतिष्ठित है।
डूरंड कप से भारतीय फुटबॉल सीजन का आगाज होता है। ये टूर्नामेंट आईएसएल और आई-लीग क्लबों की तैयारी का महत्वपूर्ण माध्यम है। 2019 से डूरंड कप का आयोजन कोलकाता और पूर्वोत्तर राज्यों में होता है। इसकी वजह इन राज्यों में फुटबॉल का क्रेज है। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात या दक्षिण के राज्य जो क्रिकेट में संपन्न हैं, फुटबॉल में कोलकाता और पूर्वोत्तर के राज्यों से पीछे हैं।