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राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की कार्यकारिणी भंग; तदर्थ समिति गठित

Rajendra Rathore: जयपुर, 29 मार्च (आईएएनएस) राजस्थान सरकार ने राज्य संस्था में कथित अनियमितताओं की शिकायतों के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।

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Entry of BJP leader Rajendra Rathore's son sparks political tussle in RCA
Entry of BJP leader Rajendra Rathore's son sparks political tussle in RCA (Image Source: IANS)
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By IANS News
Mar 29, 2024 • 01:12 PM

Rajendra Rathore:

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March 29, 2024 • 01:12 PM

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जयपुर, 29 मार्च (आईएएनएस) राजस्थान सरकार ने राज्य संस्था में कथित अनियमितताओं की शिकायतों के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।

सहकारिता रजिस्ट्रार अर्चना सिंह ने गुरुवार देर रात मौजूदा समिति को भंग कर दिया और एक तदर्थ समिति का भी गठन किया है जिसमें भाजपा विधायक और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष जयदीप बिहानी को संयोजक बनाया गया है ।

इसके अलावा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह, पाली जिला क्रिकेट संघ के सचिव धर्मवीर सिंह, झुंझुनू जिला क्रिकेट संघ के सचिव हरिश्चंद्र सिंह, बीकानेर जिला क्रिकेट संघ के सचिव रतन सिंह और अलवर जिला क्रिकेट संघ के सचिव पवन गोयल को समिति का सदस्य बनाया गया है।

अब लोकसभा चुनाव के 3 महीने के भीतर आरसीए की पांच सदस्यीय तदर्थ समिति की देखरेख में आरसीए कार्यकारिणी के चुनाव कराए जाएंगे, जिसमें अध्यक्ष समेत सभी 6 पदों पर उम्मीदवार चुनाव लड़ सकेंगे।

भाजपा खेल प्रकोष्ठ के संयोजक एवं दौसा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव बृजकिशोर उपाध्याय ने कहा कि सरकार ने मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर राजस्थान क्रिकेट में चल रही लूट और तानाशाही को खत्म कर दिया है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में जमकर भ्रष्टाचार हुआ था, जिसमें अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारी भी शामिल थे. अब उनके खिलाफ निष्पक्ष जांच होगी, तभी राजस्थान के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को न्याय मिलेगा।

यहां बताना जरूरी है कि स्पोर्ट्स काउंसिल ने वित्तीय अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोप में 22 फरवरी को आरसीए के खिलाफ कार्रवाई की थी और आरसीए कार्यालय को सील कर दिया था। इसके बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन ने भी 29 फरवरी, 4 मार्च, 12 मार्च और 19 मार्च को सहकारिता विभाग में अपना पक्ष रखा था।

इस दौरान आरसीए के पदाधिकारियों ने कहा कि कार्यालय सील होने के कारण दस्तावेज जमा नहीं किये जा सके। अधिकारियों ने कहा कि इस तथ्य पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जांच अधिकारी ने आरसीए अधिकारियों को 28 मार्च तक अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका दिया था और इसलिए गुरुवार रात को यह कार्रवाई की गई।

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