भारतीय क्रिकेट टीम ऑलराउंडर्स की कमी से हमेशा जूझती रही है। खासकर ऐसा ऑलराउंडर, जो तेज गेंदबाजी करने के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी दक्ष हो। कुछ नाम हैं, जिनका अक्सर जिक्र किया जाता है। इसमें कपिल देव, अजीत अगरकर, इरफान पठान और आज के दौर में हार्दिक पांड्या , शिवम दुबे का नाम लिया जाता है। हम अक्सर जिस नाम को इस सूची में शामिल करना भूल जाते हैं, वो नाम रॉबिन सिंह का है।
रॉबिन सिंह जन्म 14 सितंबर, 1963 को प्रिंस टाउन त्रिनिदाद में हुआ था। उनका मूल नाम रवीन्द्र रामनारायण सिंह है। भारतीय मूल के रॉबिन सिंह का परिवार उनके जन्म के दशकों पहले से वेस्टइंडीज में रह रहा था। रॉबिन बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी रखते थे। भारत को लेकर भी उनके मन में आकर्षण था। वह त्रिनिदाद में ही ट्रेनिंग किया करते थे और स्कूल, क्लब लेवल पर क्रिकेट खेलते थे। 80 के दशक में भारत से हैदराबाद ब्लू नाम की एक टीम टूर्नामेंट खेलने वेस्टइंडीज गई थी। रॉबिन सिंह ट्रिनिडेड की ओर से उस मैच में खेले। रॉबिन के खेल से प्रभावित होकर अकबर इब्राहिम नामक शख्स ने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। 19 साल की उम्र में 1982 में रॉबिन भारत आ गए।
मद्रास (अब चेन्नई) पहुंचने के बाद रॉबिन ने यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास में इकोनॉमिक्स की पढ़ाई और साथ ही क्रिकेट शुरू किया। रॉबिन के लिए चेन्नई ही अब उनका घर था। 1989 में उन्हें भारत की नागरिकता मिली और इसके बाद वेस्टइंडीज टूर के लिए उनका चयन भारत के लिए हो गया। रॉबिन ने कभी वेस्टइंडीज की तरफ से खेलने का सपना देखना होगा, लेकिन किस्मत का पहिया ऐसे घूमा की उसी वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने भारत की तरफ से अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया।