एक दौर था, जब विकेटकीपर से बल्लेबाजी में खास उम्मीद नहीं की जाती थी, लेकिन 90 के दौर में कुछ ऐसे विकेटकीपर सामने आए, जिन्होंने न सिर्फ विकेट के पीछे, बल्कि विकेट के आगे रहकर भी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। आइए, इनमें से कुछ खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने विकेटकीपर-बल्लेबाज की परिभाषा को बदलते हुए आधुनिक क्रिकेट की बल्लेबाजी के नए आयाम कायम किए।
रोमेश कालुवितराना: अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और अविश्वसनीय स्टंपिंग के लिए पहचाने जाने वाले श्रीलंकाई क्रिकेटर रोमेश कालुवितराना शुरुआती ओवर्स में अटैकिंग अप्रोच अपनाते हुए विपक्षी टीम के गेंदबाजों पर दबाव बनाने के लिए मशहूर थे।
1995-96 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोमेश कालुवितराना को सनथ जयसूर्या के साथ बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष पर रखा गया, ताकि यह सलामी जोड़ी शुरुआती 15 ओवरों में आक्रामक रुख अपना सके। श्रीलंका टीम की यह रणनीति सफल साबित हुई।