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चोट का बहाना बना बुरे फंसे श्रेयस अय्यर, एनसीए ने खोली पोल

इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम से बाहर किए गए श्रेयस अय्यर पीठ दर्द के कारण शुक्रवार से बीकेसी ग्राउंड में बड़ौदा के खिलाफ मुंबई के आगामी रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गए

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Visakhapatnam: Third day of the second Test match between India and England
Visakhapatnam: Third day of the second Test match between India and England (Image Source: IANS)
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By IANS News
Feb 22, 2024 • 01:30 PM

इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम से बाहर किए गए श्रेयस अय्यर पीठ दर्द के कारण शुक्रवार से बीकेसी ग्राउंड में बड़ौदा के खिलाफ मुंबई के आगामी रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गए हैं। लेकिन वो अपनी एक गलती के कारण विवादों में फंस गए हैं।

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By IANS News
February 22, 2024 • 01:30 PM

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में खेल विज्ञान और चिकित्सा विभाग के प्रमुख नितिन पटेल ने चयनकर्ताओं को एक ईमेल में पुष्टि की कि श्रेयस अय्यर को 'कोई ताजा चोट नहीं है' और वह 'फिट' हैं।'

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यह मामला अब इसलिए बढ़ता जा रहा है कि क्योंकि चोटिल होने के कारण श्रेयस अय्यर ने रणजी ट्रॉफी से अपना नाम वापस ले लिया था, लेकिन अब एनसीए ने उन्हें फिट घोषित किया है।

पटेल ने ईमेल में लिखा, "इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के बाद भारतीय टीम की हैंडओवर रिपोर्ट के अनुसार श्रेयस अय्यर फिट थे और चयन के लिए उपलब्ध थे। टीम इंडिया से उनके जाने के बाद फिलहाल किसी ताजा चोट की सूचना नहीं है।"

एनसीए ने अय्यर को रणजी खेलने की सलाह दी थी, ताकि उनकी पीठ को बल्लेबाजी और करीब चार दिन तक मैदान पर तनाव झेलने की आदत हो जाए।

अय्यर ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों में कोई छाप नहीं छोड़ी। उन्होंने हैदराबाद में 35 और 13 रन बनाए। फिर, विशाखापत्तनम में 27 और 29 रन ही बना पाए। अपने पिछले सात टेस्ट मैचों में उन्होंने 17 की औसत से केवल 187 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर सिर्फ 35 रहा है।

रणजी ट्रॉफी में अय्यर ने इंग्लैंड टेस्ट सीरीज की तैयारी के लिए आंध्र पर मुंबई की दस विकेट की जीत में 48 रन बनाए थे, लेकिन टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने प्रतियोगिता का आखिरी दौर नहीं खेला।

अय्यर को लेकर भ्रम की स्थिति तब पैदा हुई जब बीसीसीआई सचिव जय शाह ने केंद्र-अनुबंधित और भारत 'ए' क्रिकेटरों को घरेलू क्रिकेट में भाग न लेने पर चेतावनी दी थी।

इन दिनों एक ट्रेंड शुरू हो चुका है जो भारतीय क्रिकेट के लिए चिंता का विषय है। कुछ खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट पर आईपीएल को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है, एक ऐसा बदलाव जिसकी उम्मीद नहीं थी। घरेलू क्रिकेट हमेशा वह आधार रहा है जिस पर भारतीय क्रिकेट खड़ा है।

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