New Zealand: न्यूज़ीलैंड के हाथों बेंगलुरु और पुणे में खेले गए पहले दोनों टेस्ट में करारी शिकस्त झेलने के बाद रोहित शर्मा की अगुआई में भारत के सामने एक बड़ा ख़तरा खड़ा है। मुंबई में शुक्रवार से भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेले जाने वाले तीसरे और आख़िरी टेस्ट में टीम इंडिया व्हाइटवॉश झेलने के क़रीब होगी। अपने घर में खेलते हुए भारत को कभी भी तीन या उससे ज़्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज़ में व्हाइटवॉश नहीं झेलना पड़ा है।
इससे पहले भारत को आख़िरी बार 1999-2000 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अपने घर में दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 0-2 से हार झेलनी पड़ी थी। भारत ने अपने घर में खेलते हुए एक ही सीरीज़ में तीन हार पांच बार झेल चुका है लेकिन ये सभी सीरीज़ पांच या छह मैचों की थी।
भारत की नज़र व्हाइटवॉश के ख़तरे को टालने के साथ ही साथ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्लूटीसी) के फ़ाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को भी ज़िंदा रखने पर होगी। भारत को अगर अपने दम पर डब्लूटीसी फ़ाइनल में जगह बनानी है तो फिर यहां से बचे हुए छह टेस्ट में से चार टेस्ट जीतने ही होंगे। अगर मुंबई में भी टीम इंडिया को हार मिलती है तो फिर ऑस्ट्रेलिया में पांच में से चार टेस्ट जीतना और भी कठिन हो जाएगा। लिहाज़ा रोहित और उनके साथी चाहेंगे कि मुंबई टेस्ट जीतने के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में तीन मैच जीतते हुए सीरीज़ और डब्लूटीसी फ़ाइनल के टिकट पर क़ब्ज़ा जमाया जाए।