पाकिस्तान-इंग्लैंड के रावलपिंडी टेस्ट में 500वें टेस्ट का एक अनोखा रिकॉर्ड बना, जिसे सब 'मिस' कर गए
Scyld Berry: रावलपिंडी टेस्ट में पाकिस्तान की इंग्लैंड के विरुद्ध सनसनीखेज जीत की रिपोर्ट के साथ टेस्ट में बने कई नए रिकॉर्ड सामने आए पर एक बड़ा रिकॉर्ड क्रिकेट की दुनिया ने 'मिस' कर दिया। ये एक ऐसा रिकॉर्ड है...
Scyld Berry: रावलपिंडी टेस्ट में पाकिस्तान की इंग्लैंड के विरुद्ध सनसनीखेज जीत की रिपोर्ट के साथ टेस्ट में बने कई नए रिकॉर्ड सामने आए पर एक बड़ा रिकॉर्ड क्रिकेट की दुनिया ने 'मिस' कर दिया। ये एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसका जिक्र किसी रिकॉर्ड बुक में नहीं मिलेगा पर इस रिकॉर्ड की चर्चा पिछले कुछ सालों में क्रिकेट में आए बदलाव का सबूत है।
अब आते हैं रिकॉर्ड पर। क्या कोई ये दावा कर सकता है कि उसने 500 टेस्ट देखे हैं? इंग्लैंड की द डेली टेलीग्राफ अखबार के चीफ क्रिकेट राइटर शिल्ड बेरी (Scyld Berry) का ये 500वां टेस्ट था जिसे उन्होंने देखा। ये कितना बड़ा रिकॉर्ड है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन से पहले ये रिकॉर्ड सिर्फ महान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान और कमेंटेटर- रिची बेनो के नाम था। इन दोनों के लिए टेस्ट की इस गिनती को सही मानने की सबसे बड़ी वजह है टेस्ट की गिनती का सबूत- शिल्ड की 500 टेस्ट की अलग-अलग पब्लिकेशन के लिए स्टेडियम से लिखी रिपोर्ट मौजूद हैं। इसी तरह बेनो खेले टेस्ट में तो मौजूद थे ही- इसके अतिरिक्त एक जर्नलिस्ट और रेडियो /टीवी कमेंटेटर के तौर पर उनकी मौजूदगी का रिकॉर्ड है। ये बहुत बड़ी बात है कि किसी ने 500 टेस्ट देखे।
इस रिकॉर्ड का बनना क्रिकेट में बदलाव का सबूत है। बेनो कुल 63 टेस्ट खेले, 3 में वे 12वें खिलाड़ी थे, 1961 में लॉर्ड्स में एक टेस्ट मैच को टूर टीम के नॉन प्लेइंग मेंबर के तौर पर देखा और 1963-64 में वे एमसीजी में एक टेस्ट के लिए, उंगली टूटने की वजह से टीम में नहीं थे पर 'सिडनी सन' के लिए उस टेस्ट को कवर किया। शिल्ड को गिनती में टेस्ट टीम में होने जैसा फायदा नहीं मिला पर उनके दौर में टेस्ट की गिनती एकदम बढ़ी जिससे वे ज्यादा टेस्ट कवर कर पाए और इस तरह से ऐसे पहले हैं जिसने कोई भी टेस्ट खेले बिना- 500 टेस्ट देखे।
शिल्ड हैं तो एक बड़े जर्नलिस्ट पर भारत में वे पहली बार 1981-82 की इंग्लैंड की भारत में सीरीज के दौरान मशहूर हुए। इस सीरीज पर बाद में उन्होंने 'क्रिकेट वाला' (Cricket Wallah) टाइटल से एक किताब भी लिखी और ये टूर डायरी के तौर पर लिखी सबसे बेहतरीन किताब में से एक गिनी जाती है। उन्हें ख़ास इजाजत मिली थी रणजी के महल को देखने की और पहली बार किसी ने महल में मौजूद क्रिकेट से जुड़े सामान और क्रिकेट की बातों के बारे में लिखा। वे चूंकि अभी भी रिपोर्टिंग कर रहे हैं इसलिए क्रिकेट को बदलते देखा है। ये 500 टेस्ट 51 साल में देखे और उनका कहना है कि 1977 के पहले टूर की तुलना में क्रिकेट अब ज्यादा सुरक्षित, तेज़, न्यूट्रल और ज्यादा कमर्शियल हो गया है लेकिन जरूरी नहीं कि बेहतर हो गया है।
बेरी विजडन के एडिटर रह चुके हैं जो किसी भी जर्नलिस्ट के लिए बहुत बड़ा सम्मान है। सबसे ज्यादा टेस्ट 'द ऑब्ज़र्वर' और 'द डेली टेलीग्राफ़' (1993 से) के लिए रिपोर्ट किए। उन्होंने हाल ही में जहां-जहां टेस्ट देखे, उन सभी देशों की क्रिकेट पर अपनी रिपोर्ट का संकलन 'बियॉन्ड द बाउंड्रीज़ : ट्रेवल्स ऑन इंग्लैंड क्रिकेट टूर्स (BEYOND THE BOUNDARIES: Travels on England Cricket Tours) टाइटल से प्रकाशित किया है।
ये किताब वास्तव में उनकी दुनिया में क्रिकेट को बदलते देखने की स्टोरी है। क्रिकेट में ब्रूनेल के स्टीम शिप एसएस ग्रेट ब्रिटेन (SS Great Britain) की भूमिका का जिक्र और कहां मिलता है? उनका कहना है कि इसी शिप की बदौलत, स्वेज नहर (Suez canal) के खुलने से पहले ही इंग्लैंड की टीम, रास्ते में कोयले के लिए दक्षिण अफ्रीका में रुके बिना दो महीने में मेलबर्न पहुंच सकी थी। आज खिलाड़ी अक्सर लंबी फ्लाइट की शिकयत करते हैं।
Trending
जब 1978-79 में ऑस्ट्रेलिया गए तो उनसे कहा गया था कि छोटी स्टोरी लिखो- लंबी स्टोरी भेज पाना संभव नहीं। आज इंटरनेट युग में कोई इस बारे में बात भी नहीं करता। उन सालों में आम तौर पर खिलाड़ी और मीडिया बहुत करीब थे (दोनों का एक ही ट्रैवल एजेंट और एक ही जगह ठहरना तथा साथ-साथ ट्रेवल करना) और प्रेस कॉन्फ्रेंस तो न के बराबर थीं क्योंकि ख़बरें शाम को बार में मिल जाती थीं। अनोखा संबंध था मीडिया और खिलाड़ियों के बीच- प्राइवेट खबरें कभी नहीं छपती थीं। आज पत्रकार स्केंडल खोजने के लिए भागते हैं।
अब कुछ रिची बेनो के रिकॉर्ड की बात करते हैं। उनके रिकॉर्ड की सबसे ख़ास बात ये थी कि जब उन्होंने क्रिकेट कमेंट्री को आखिरकार अलविदा कहा और टेस्ट देखना बंद किया तब तक वे कुल खेले गए टेस्ट में से लगभग एक तिहाई देख चुके थे। उनसे ज्यादा एशेज टेस्ट किसी ने नहीं देखे। अभी तो बेनो के रिकॉर्ड में 1946-47 से 1951-51 तक के सिडनी टेस्ट, उनके देखने के बावजूद नहीं गिने गए क्योंकि इन में किसी में एक दिन वे क्लब क्रिकेट खेले या बीच में न्यू साउथ वेल्स टीम के साथ मैच खेलने किसी दूसरे शहर चले गए। इस तरह बेनो ने खुद देखे टेस्ट की गिनती की और जिन्हें पूरा देखा सिर्फ उन्हें गिना। 20 मई 2004 को शुरू हुआ इंग्लैंड-न्यूजीलैंड लॉर्ड्स टेस्ट ऐसा 500 वां टेस्ट था जिसे उन्होंने देखा।
क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि 500 टेस्ट देखने के क्लब में अगला नाम किस का हो सकता है? इस बात को इस तरह से भी ले सकते हैं कि इस समय अगला कौन इस क्लब में शामिल होने का दावेदार है? इस सवाल का जवाब अपने आप में एक और मजेदार स्टोरी है।
Also Read: Funding To Save Test Cricket
-चरनपाल सिंह सोबती