हमारे देश में खेल के रूप में क्रिकेट को जितनी तवज्जो दी जाती है, उतनी किसी भी दूसरे खेल को नहीं दी जाती। यही कारण है कि बाकी खेलों में हमारा देश पिछड़ता जा रहा है और क्रिकेट छोड़कर बाकी खेल खेलने वाले खिलाड़ियों को उतनी इज्ज़त और अहमियत नहीं दी जाती। इसका एक और हाल ही में देखने को मिला जब बेंगलुरू एफसी ने मुंबई सिटी एफसी को 2-1 से हराकर रविवार (18 सितंबर) को सॉल्ट लेक स्टेडियम में अपना पहला डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट खिताब जीता।
बेंगलुरू एफसी की कप्तानी भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री कर रहे थे और खिताब जीतने के बाद उनके चेहरे पर खुशी देखने लायक थी। हालांकि, खिताब जीतने के बाद छेत्री का अपमान भी हुआ जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है और इसी वीडियो के चलते पूरे देश में आक्रोश फैल चुका है।
दरअसल, हुआ ये कि जीत के बाद जब सुनील छेत्री ट्रॉफी लेने के लिए स्टेज पर पहुंचे तो पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ला गणेशन उनके साथ खड़े थे और उन्होंने फोटो खिंचवाने के चक्कर में छेत्री को धक्का देते हुए पीछा कर दिया। ये घटना ऐसी थी जिसने ये हर भारतीय को दिखा दिया कि क्रिकेटर्स को छोड़कर बाकी खेल खेलने वालों की जगह इस देश में कहां है और इनके साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। पूरे देश में इस शर्मनाक घटना की आलोचना की जा रही है।