भारतीय शूटर स्वप्निल कुसले ने 28 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। स्वप्निल ने 2024 के पेरिस ओलंपिक में 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ओलंपिक पदक जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा दिया। वो ये पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज भी बन गए हैं। उन्होंने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन के फाइनल में कांस्य पदक जीतकर भारत के पदकों की संख्या तीन कर दी है।
भारतीय निशानेबाजी के इतिहास में ये पहली बार है कि निशानेबाजों ने ओलंपिक खेलों में दो से अधिक पदक जीते हैं। स्वप्निल ने मनु भाकर और सरबजोत सिंह के साथ मिलकर पेरिस ओलंपिक में भारत को गौरव का क्षण दिलाया। हालांकि, अगर आप ये सोच रहे हैं कि कुसले ने ये काम आसानी से कर दिखाया तो आप गलत हैं क्योंकि उनकी यात्रा काफी संघर्ष भरी रही लेकिन कांटों भरी राहों में भी कुसले ने हार नहीं मानी और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी से प्रेरणा लेकर आज वो इतना बड़ा काम करने में सफल रहे।
कुसले ने कहा कि धोनी की तरह ही वो भी अपने करियर के शुरुआती दौर में रेलवे टिकट कलेक्टर थे। कुसले ने धोनी के बारे में बात करते हुए पीटीआई से कहा, "मैं शूटिंग की दुनिया में किसी खास व्यक्ति को फॉलो नहीं करता। इसके अलावा, मैं धोनी की उस शख्सियत की प्रशंसा करता हूं जो वो हैं। मेरे खेल के लिए मुझे मैदान पर उनके जैसे शांत और धैर्यवान होने की जरूरत है। मैं भी उनकी कहानी से खुद को जोड़ सकता हूं क्योंकि मैं भी उनकी तरह टिकट कलेक्टर हूं।"
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— CRICKETNMORE (@cricketnmore) August 1, 2024