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VIDEO: मैं कमेंट्री इसलिए करता हूं ताकि शहीद जवानों के बच्चों को पढ़ा सकूं: गौतम गंभीर

TIMES NOW Frankly Speaking with Navika Kumar: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा सांसद गौतग गंभीर (Gautam Gambhir) बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं और हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखते हैं।

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Cricket Image for Times Now Frankly Speaking With Navika Kumar Gautam Gambhir Talks About His Commen
Cricket Image for Times Now Frankly Speaking With Navika Kumar Gautam Gambhir Talks About His Commen (Image Source: Google)
Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma
Sep 11, 2021 • 04:20 PM

TIMES NOW, Frankly Speaking with Navika Kumar: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा सांसद गौतग गंभीर (Gautam Gambhir) बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं और हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखते हैं। इस बीच गौतम गंभीर ने एक जाने माने टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया और बताया कि वो कमेंट्री क्यों करते हैं। मालूम हो कि गौतम गंभीर को कमेंट्री के दौरान काफी ट्रोल किया गया था।

Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma
September 11, 2021 • 04:20 PM

इंटरव्यू के दौरान पत्रकार ने गंभीर से पूछा जब दिल्ली में जलभराव होता है तब आप ट्वीट करते हैं, 'नादान परिंदे घर आजा' ये आपने किसको कहा था? गौतम गंभीर ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'मुझे याद है जब मैंने एक बार पॉल्युशन पर मीटिंग मिस की थी और मैं कमेंट्री कर रहा था। तब आपने पूरे दिन शो चलाया कि क्या हमें इस तरह के MP की जरूरत है। तो आप एक बार यह भी चेक करवा लीजिए कि दिल्ली के मुख्यमंत्री कहां हैं अभी। जब पूरी दिल्ली डूब रही है।'

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पत्रकार ने कहा, 'वो बता तो रहे हैं कि विपासना पर गए हैं।' जिसपर गौतम गंभीर कहते हैं, 'अच्छा विपासना ज्यादा जरूरी है और पूरी दिल्ली डूबती चली जाए कोई बात नहीं। दिल्ली को आप डूबा सकते हैं लेकिन डूबने से बचा नहीं सकते। आपने मुझसे सवाल पूछा था कि मैं कमेंट्री क्यों करता हूं।'

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गौतम गंभीर ने कहा, ' मैं कमेंट्री इसलिए करता हूं ताकि 3000 लोगों को हर रोज 1 रुपए में खाना खिला सकूं। कमेंट्री इसलिए करता हूं कि मैं कोविड वेव के दौरान 40-50 हजार किटें बांट सकूं। कमेंट्री इसलिए करता हूं कि हमारे जवानों और सेक्स वर्कर के बच्चों को पढ़ाई करवा सकूं। जो पैसे मुझे कमेंट्री से मिलते हैं उन्हें मैं इन्हीं सब चीजों में लगाता हूं। दूसरे के पैसे से अपनी राजनीति चमकाना आसान है।'

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