नई दिल्ली, 20 मई (CRICKETNMORE)| 1975 से 2015 तक हुए अभी तक के सभी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम जब भी गई एक बेहतरीन बल्लेबाजी ईकाई के रूप में गई और हमेशा से उसकी बल्लेबाजी ही उसकी पहचान रही। इस बीच उसने 1983 और 2011 में दो वर्ल्ड कप खिताब भी जीते। किसी ने शायद कभी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऐसा भी होगा जब वर्ल्ड कप में भारतीय टीम अपनी बल्लेबाजी नहीं अपनी गेंदबाजी के दम पर खिताब की दावेदार मानी जाएगी।
इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू हो रहे वर्ल्ड कप में ऐसा ही है जहां भारतीय टीम की ताकत उसका मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण है। विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण वर्ल्ड कप में सबसे अच्छा माना जा रहा है।
किसी ने कभी भी नहीं सोचा होगा कि खेल को सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़, जैसे दिग्गज बल्लेबाज देने वाला भारत तेज गेंदबाजों की ऐसी खेप तैयार कर लेगा, जो दुनिया के किसी भी कोने में बल्लेबाजों को पैर भी नहीं हिलाने देगी।