मैंने और धोनी ने विराट कोहली को ड्रॉप होने से बचाया था, बाकी इतिहास है- वीरेंद्र सहवाग
विराट कोहली सुर्खियों में हैं। किंग कोहली ने टी-20 की कप्तानी छोड़ दी है। विराट कोहली के कामयाब होने के पीछे सहवाग और धोनी का भी पूरा हाथ है।
विराट कोहली सुर्खियों में हैं। किंग कोहली ने टी-20 की कप्तानी छोड़ दी है। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अपने बल्ले से आग उगलने वाले विराट के नाम कई रिकॉर्ड हैं वहीं उन्होंने कप्तानी के मोर्चे पर भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि विराट कोहली की करियर की शुरुआत काफी खराब रही थी। आलम ये था कि एक वक्त ऐसा आया कि कोहली टीम तक से ड्रॉप होने वाले थे।
2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली सीरीज में तीन टेस्ट मैचों में विराट कोहली ने केवल 76 रन बनाए थे। इसके बाद उन्हें टेस्ट टीम से ड्रॉप कर दिया गया था और जब उनकी टीम में दोबारा वापसी हुई तब लंबे समय तक वह बेंच ही गरमाते रहे। कोहली की किस्मत चमकने में धोनी और वीरेंद्र सहवाग का हाथ रहा है।
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2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले सहवाग ने 2016 में भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान कमेंट्री पर एक दिलचस्प कहानी शेयर की थी। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने खुलासा किया था कि चयनकर्ता कोहली को ड्रॉप करना चाहते थे लेकिन उन्होंने और धोनी ने ऐसा नहीं होने दिया था।
वीरेंद्र सहवाग ने कहा था, 'चयनकर्ता 2012 में पर्थ में विराट कोहली के बजाए रोहित शर्मा को खिलाना चाहते थे। मैं उप-कप्तान था और धोनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे, और हमने फैसला किया कि हमें कोहली का समर्थन करना होगा। बाकी इतिहास है।'
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धोनी और सहवाग का यह सपोर्ट कोहली के करियर का सबसे महत्वपूर्ण क्षण निकला और उसके बाद से उन्हें एक बार भी टीम से ड्रॉप नहीं होना पड़ा। विराट कोहनी ने पर्थ टेस्ट की पहली पारी में 44 रन बनाए थे और उसके बाद 75 रन की पारी खेली। उनकी इस पारी में खनक थी महान बल्लेबाज की।