जब कप्तान धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत का जश्न नहीं मनानें के लिए कहा था खिलाड़ियों को..!
29 अक्टूबर। धोनी ने अपने करियर में कई ऐसे कारनामें किए हैं जिसे जानकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। बतौर कप्तान धोनी ने भारतीय टीम को विश्व विजेता बनाया तो वहीं विरोधी टीम के आक्रमक रवैये को कम करने
29 अक्टूबर। धोनी ने अपने करियर में कई ऐसे कारनामें किए हैं जिसे जानकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। बतौर कप्तान धोनी ने भारतीय टीम को विश्व विजेता बनाया तो वहीं विरोधी टीम के आक्रमक रवैये को कम करने का काम भी किया।
साल 2008 के सीबी सीरीज के दौरान धोनी युवा कप्तान थे और उस दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी मजबूत टीम मानी जाती थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम को उस समय हराया किसी भी टीम के लिए टेढ़ी खीर साबित होती थी। ऐसे में सीबी सीरीज 2008 के चौथे मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल की।
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इस मैच के दौरान धोनी ने कुछ ऐसा किया था जिससे पूरा ऑस्ट्रेलियाई खेमा स्तब्ध रह गया। हुआ ये कि जब भारत को जीत के लिए 10 रनों की दरकार थी तो धोनी ने कुछ देर के लिए ब्रेक लेते हुए दूसरा बैटिंग ग्लव्स मंगाया।
दरअसरल धोनी ने ऐसा जानबूझकर किया था। धोनी ड्रेसिंग रूम में एक मैसेज भेजवाना चाहते थे। जब ग्लव्स लेकर 12वां खिलाड़ी धोनी के पास आया तो उन्होंने उस खिलाड़ी के जरीए यह मैसेज भारतीय खेमा में भेजवाया कि जब टीम मैच जीते तो इसका जश्न नॉर्मल तरीके से मनाया जाए ना कि ज्यादा शोर- शराबा करके। धोनी के कहे अनुसार ठीक वैसा ही हुआ और जब भारतीय टीम मैच जीती तो टीम के खिलाड़ियों ने बेहद ही साधारण ढ़ंग से इस जीत का जश्न मनाया।
आपको बता दें कि धोनी ने ऐसा इसलिए करवाया कि वो चाहते थे कि ऑस्ट्रेलियाई टीम इस हार को किसी अपसेट की तरह ना लें। धोनी चाहते थे कि ऑस्ट्रेलियाई टीम यह ना सोचे की भारतीय टीम को यह जीत केवल संयोगवश मिली है। धोनी यह मैसेज ऑस्ट्रेलिया को देना चाहते थे कि भारतीय टीम अब कंगारू टीम को हमेशा इसी तरह से पटखनी देगी। आपको बता दें कि पत्रकार भरत सुंदरसन ने अपनी किताब 'द धोनी टच' में माही के करियर के इसी कूल अंदाज को बेहद अच्छे से समझाया है।