विराट कोहली के लिए साल का यह दिन होता है सबसे दुख देना वाला दिन, इस दिन कोहली का दिल रोता है
20 दिसंबर, 2017, नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। 19 दिसंबर 2006 की बात है, उस दौरान रणजी मैच में विराट कोहली दिल्ली के लिए खेला करते थे। रणजी ट्रॉफी के ग्रुप “ए” के एक मैच में फिरोजशाह कोटला मैदान पर कर्नाटक और
इसके साथ - साथ उस वक्त दिल्ली के कोच रहे चेतन चौहान भी कोहली के इस फैसले से दंग रह गए थे। " कोहली उस वक्त 18 साल थे थे, उनके पिता के बारे में उनको खबर 4 बजे सुबह मिली थी। मैनें कोहली से बात भी करी थी लेकिन कोहली घर जाने से पहले टीम के लिए योगदान देना चाहते थे। कोहली के इस बर्दास्त करने की क्षमता को जानकर मैं भी हैरान रह गया। कहीं ना कहीं मुझे एहसास हो गया था कि आगे जाकर विराट कोहली महान खिलाड़ी बनेगें।
कोहली ने यह पारी उस वक्त खेली जब उन्हें पूरी तरह से मालूम था कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं ये सबके बावजूद जिस तरह से कोहली ने अपने भावनाओ पर काबू पाकर बल्लेबाजी करी थी वो किसी शब्द में बयान नहीं किया जा सकता है। PHOTOS कमाल की खूबसूरत है ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटरों की वाइफ, जरूर देखें
विराट के साथ हुई इस घटना ने कोहली को पूरी तरह से बदल दिया था। अपने पिता को खोने के बाद कोहली ने पूरी परिपक्वता के साथ क्रिकेट को अपना करियर बनानें के लिए कोशिश करते रहे थे। उनका मानना था कि उनके पिता का यह सपना था कि मैं एक अच्छा क्रिकेटर बनूं।