भारत ने तीन मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी मैच में साउथ अफ्रीका को 78 रन से हराकर 2-1 से सीरीज अपने नाम कर ली। ये इतिहास में दूसरी बार है जब भारत ने साउथ अफ्रीका को उसी की धरती पर वनडे सीरीज हराई है। भारत की इस सीरीज जीत में संजू सैमसन की भूमिका काफी अहम रही। संजू ने इस मैच में अपना पहला वनडे शतक (108) लगाकर ना सिर्फ भारत की जीत की नींव रखी बल्कि दुनिया को ये मैसेज भी दिया कि वो इस स्तर पर खेलना पूरी तरह से डिजर्व करते हैं।
संजू सैमसन ने 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ टी-20 मैच से अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था लेकिन दिलचस्प बात ये है कि संजू को अपने पहले अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए आठ साल तक इंतजार करना पड़ा, जो गुरुवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैच में समाप्त हुआ। उन्होंने 114 गेंदों पर 108 रन बनाए, जिसमें तीन छक्के और छह चौके शामिल थे। संजू के इस शतक के बाद अब सवाल ये उठता है कि क्या ये सेंचुरी उनकी किस्मत बदल पाएगी?
अगर प्रतिभा की बात की जाए तो हम सभी जानते हैं कि उनमें कितनी प्रतिभा है। आईपीएल में उन्होंने जिस तरह की पारियां खेली हैं, उसे देखते हुए सिर्फ हम ही नहीं, हर कोई उनके बारे में बात करता है। लेकिन आज इस पारी के जरिए ये कहा जा सकता है कि कहीं न कहीं उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत कर दी है। इससे पहले भी संजू को मौके दिए गए लेकिन वो मौके कभी भी लगातार नहीं मिले। कभी-कभी उन्हें एक मैच में खिलाया जाता था और अगले मैच में बिना वजह के बाहर निकाल दिया जाता था लेकिन एक सच ये है कि वो इस सेंचुरी से पहले लगातार रन भी नहीं बना पाए। जरा सोचिए अगर उन्होंने ये पहला शतक 8 साल बाद नहीं बल्कि अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही लगा दिया होता तो शायद आज संजू एक बड़े खिलाड़ी होते और उन्हें लगातार मौके भी दिए जाते क्योंकि जब आप 100 रन बनाते हैं, तो आप ना केवल चयनकर्ताओं को प्रभावित करते हैं, बल्कि उन पर आपको चुनने का दबाव भी डालते हैं।