भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल आज दुनिया के सबसे आक्रामक और खतरनाक बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। बचपन में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा और कई बार हालात इतने कठिन हुए कि क्रिकेट का सपना पूरा करना असंभव सा लगता था। इसी संघर्ष के बीच उनके पानी पूरी बेचने की कहानियां अक्सर चर्चा का विषय बनीं।
अब जायसवाल ने खुद इस पानी पूरी बेचने की कहानी पर चुप्पी तोड़ी है और बताया है कि सच क्या है। Mashable को दिए एक इंटरव्यू में जायसवाल ने अपने शुरुआती दिनों को याद किया और इन किस्सों पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि पानी पूरी बेचने की बात महज़ अफवाह नहीं थी, बल्कि ये सच है। जब उन्होंने इंटरव्यू के दौरान पानी पूरी का स्टॉल देखा तो तुरंत मज़ाक में पूछ लिया, “अरे, मैं ही बना दूं क्या?”
जायसवाल ने साफ किया कि उन्होंने सचमुच पानी पूरी बेची थी। उन्होंने बताया कि आज़ाद मैदान के पास रहने के दौरान उनका कई लोगों से पारिवारिक जैसा रिश्ता बन गया था। रविवार को अक्सर जब सब लोग साथ में खाना खाते थे तो माहौल घर जैसा हो जाता था। एक बार मोहल्ले के पानी पूरी वाले ने उन्हें खाली समय में मदद करने के लिए कहा। उस दिन से जब भी उनके पास समय होता, वो पानी पूरी बेचने में उसकी मदद करने लगते।