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इंग्लिश काउंटी में भी जारी रहा सहवाग का फ्लाप शो

  अबु धाबी/नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.) । भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के भाग्य ने लगता है उनका साथ छोड दिया है। सहवाग घरेलू मैचों में तो लगातार फ्लॉप रहे थे, लेकिन जब उन्हें इंग्लिश काउंटी टीम डरहम

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Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jan 10, 2015 • 12:05 AM

 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
January 10, 2015 • 12:05 AM

अबु धाबी/नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.) । भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के भाग्य ने लगता है उनका साथ छोड दिया है। सहवाग घरेलू मैचों में तो लगातार फ्लॉप रहे थे, लेकिन जब उन्हें इंग्लिश काउंटी टीम डरहम के खिलाफ अबु धाबी में मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब की कप्तानी करने का अभूतपूर्व मौका मिला तो भी वह इसका फायदा नहीं उठा पाए।

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अबु धाबी के शेख जायद स्टेडियम में रविवार से शुरू हुए चार दिवसीय दिनरात्रि के इस मैच में सहवाग एमसीसी की तरफ से अपनी परंपरागत ओपनिंग पोजीशन की बजाए चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे और 14 मिनट क्रीज पर रहकर सात गेंदों का सामना करने के बाद पांच रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

युवा लेग स्पिनर स्कॉट बोर्थविक की गेंद पर सहवाग का कैच उस्मान अरशद ने लपका। सहवाग टीम के 184 के स्कोर पर आउट हुए। डरहम ने पहली पारी में 248 रन बनाए थे। जिसके जवाब में एमसीसी की टीम की टीम ने 282 रन बनाकर पहली पारी में 34 रन की बढ़त हासिल की। डरहम ने सोमवार को दूसरे दिन के खेल की समाप्ति के समय एक विकेट खोकर 39 रन बनाए थे।

सहवाग का पिछले घरेलू सत्र में काफी खराब प्रदर्शन रहा था और पूरे सत्र में 56 रन के रूप में एक अर्द्धशतक जमा पाए थे। हालांकि सहवाग ने हाल में एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके अंदर अभी दो-तीन वर्ष की क्रिकेट बाकी है और वह आईपीएल के मंच का इस्तेमाल चयनकर्ताओं के सामने खुद को साबित करने के लिए नहीं करना चाहते हैं।

भारत के एकमात्र तिहरे शतकधारी सहवाग ने देश के लिए अपना आखिरी टेस्ट मार्च 2013 में हैदराबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। जबकि उनका आखिरी वनडे जनवरी 2013 में कोलकाता में पाकिस्तान के खिलाफ था। उनका आखिरी अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी-20 मैच अक्टूबर 2012 में कोलंबो में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/अनूप

 

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