एशेज 1948 वह सीरीज थी जिसमें द डॉन ने अपनी आखिरी टेस्ट पारी खेली। आख़िरी टेस्ट था ओवल में जो शुरू हुआ 14 अगस्त से। सब जानते हैं कि उस टेस्ट में खेली ब्रैडमैन की आख़िरी पारी क्यों यादगार है- अगर वे उस पारी में 100 बना लेते तो शायद उसकी उतनी चर्चा न होती जितनी उनके 0 पर आउट होने की हुई। उनका 0 पर आउट होना अनोखा था-100 बनाना नहीं। उस आख़िरी पारी में सिर्फ 4 रन की जरूरत थी 7,000 रन और 100 की औसत के रिकॉर्ड के लिए पर उस दिन ये भी न बने। क्या नजारा था उस वक्त?
14 अगस्त, 1948 को टेस्ट शुरू हुआ और रे लिंडवॉल की घातक गेंदबाजी की बदौलत, ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 52 रन पर आउट कर दिया। लेन हटन ने इन 52 में से 30 रन बनाए थे। दर्शक बड़े खुश थे कि इंग्लैंड के पहले बल्लेबाजी करने के बावजूद शायद पहले ही दिन ब्रैडमैन की बल्लेबाजी देखने को मिल जाए।
सिड बार्न्स और आर्थर मॉरिस ने पहले विकेट के लिए 117 रन जोड़ कर ऑस्ट्रेलिया को शानदार शुरुआत दी पर हर किसी को तो इंतजार था ब्रैडमैन का और इसीलिए सिड के आउट होने पर, उनकी तरफ तो किसी का ध्यान ही नहीं था। अब पवेलियन से निकले वह डॉन ब्रैडमैन जिन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज का टाइटल मिला हुआ था। कुछ फैक्ट नोट कीजिए :
* जब ब्रैडमैन बल्लेबाजी के लिए आए तो उनका औसत 101.39 था और इसलिए गणना ये थी कि अगर 4 रन भी बना लिए तो औसत 100 तो रहेगा ही।
* द ओवल में इससे पहले, टेस्ट में 232, 244 और 77 जैसे स्कोर बनाए थे।
* 1948 के इस एशेज टूर में सरे के विरुद्ध इसी ग्राउंड पर दो बार बल्लेबाजी की थी और 146 और 128 रन बनाए।