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Cricket History - भारत का इंग्लैंड दौरा 1936

भारतीय टीम ने साल 1936 में इंग्लैंड का दौरा किया। यह भारत का अंग्रेजों के देश में दूसरा टेस्ट दौरा था।भारत को इस टेस्ट सीरीज में 2-0 की हार मिली। यह सीरीज मैदान के अंदर और बाहर बुरे कारणों से

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Indian Cricket History
Indian Cricket History (Image source - Google)
Abhishek  Mukherjee
By Abhishek Mukherjee
Feb 04, 2021 • 06:12 PM

भारतीय टीम ने साल 1936 में इंग्लैंड का दौरा किया। यह भारत का अंग्रेजों के देश में दूसरा टेस्ट दौरा था। इस दौरान भारत की बागडोर विजयनगरम के महाराजकुमार के हाथों में थी और सभी उन्हें 'विजी' के नाम से जानते थे। वह एक साधारण बल्लेबाज थे जो 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करते थे। वो ना तो गेंदबाजी करना जानते थे और नहीं विकेटकीपिंग।

Abhishek  Mukherjee
By Abhishek Mukherjee
February 04, 2021 • 06:12 PM

विजयनगरम ने इस दौरान केवल 33 रन बनाए। एक बार उन्होंने विपक्षी कप्तान को सोने की घड़ी देकर उन्हें बहलाने की कोशिश की और कहा कि वो उन्हें फुल टॉस गेंद ही फेंके।

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विजी ने इस दौरान कप्तान बनने के लिए एक बड़ी चाल चली थी। जैक-ब्रिटेन जोंस जो विजी के करीबी थे वो उनके मैनेजर भी थे। विजी अपने साथ 36 भारी-भरकम समान और साथ में 2 नौकर लेकर इंग्लैंड पहुंच गए।

आधिकारिक कप्तान ना होने के बावजूद सीएके नायडू कप्तान के रूप में पहली पसंद थे। विजी ने इस बात को भांप लिया और टीम में फूट डालने की कोशिश की और इसमें कामयाब भी हो गए। उन्होंने अपने कैंप के मेंबर को अपने पक्ष में लाने की कोशिश की और उन्हें 'पैरिस' जाने का लालच दिया। बाका जिलानी को यहां तक की ब्रेकफास्ट के टेबल पर सीके नायडू की बेइज्जती करने के लिए टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिल गया।

विजी को दौरे पर कप्तान के रूप में चुना गया और नायडू उसी समय लिवरपूल में भारतीय टीम की अगुवाई कर रहे थे। लंकाशायर की टीम 199 रनों का पीछा कर रही थी। विजी ने मोहम्मद निसार को केवल फुल टॉस फेंकने का प्रस्ताव दिया। नायडू को इस बात की जानकारी हो गई और उन्होंने निसार को गेंदबाजी से हटा दिया। उसके बाद जहांगीर खान की मदद से भारत को जीत मिल गई।

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