Cricket History - भारत का इंग्लैंड दौरा 1936
भारतीय टीम ने साल 1936 में इंग्लैंड का दौरा किया। यह भारत का अंग्रेजों के देश में दूसरा टेस्ट दौरा था।भारत को इस टेस्ट सीरीज में 2-0 की हार मिली। यह सीरीज मैदान के अंदर और बाहर बुरे कारणों से
इंग्लैंड दौरे पर लाला अमरनाथ एक बार सही मैदान पर फील्डिंग ना लगने के कारण आग बबूला हो गए थे। विजी को यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने इसके बाद अमरनाथ से लगातार गेंदबाजी करवाई ये जानते हुए भी कि उनकी पीठ में दर्द है। उसके बाद अमरनाथ ने पंजाबी भाषा में जोर-जोर से विजी को कुछ कहा, नतीजन विजी ने अमरनाथ को बीच दौरे से ही वापस भारत भेज दिया।
बाद में Beamount Committee ने यह ध्यान दिया कि विजी की कप्तानी बेहद "विनाशकारी" है। अमरनाथ निर्दोष साबित हुए और विजी को कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया।
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इससे पहले, ओल्ड ट्रेफोर्ड में हुए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के दौरान एक बड़ी घटना हुई थी। विजय मर्चेन्ट ने विजी को कप्तानी छोड़ने के लिए कहा था। इसके बाद मर्चेन्ट और मुश्ताक अली जब पारी की शुरूआत करने आए तब विजी ने मुश्ताक से मर्चेन्ट को रन आउट कराने के लिए कहा था। हालांकि मुश्ताक अली ने इस बात का खुलासा विजय मर्चेन्ट के सामने कर दिया और दोनों हंसते हुए बल्लेबाजी करने चले गए।
भारत की टीम पहली पारी में 368 रनों से पीछे चल रही थी। मुश्ताक ने इसके बाद एक बेहतरीन शतक जमाया और वो भारत की ओर से विदेशी धरती पर शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज बने। मर्चेन्ट ने भी इसके बाद एक शानदार शतक जमाया। दोनों ने पहले विकेट के लिए 203 रन जोड़े और सीरीज का यह दूसरा टेस्ट मैच ड्रॉ हुआ। बाद में मर्चेन्ट और मुश्ताक की ओपनिंग जोड़ी बहुत प्रसिद्ध हुई।
हालांकि भारत को इस टेस्ट सीरीज में 2-0 की हार मिली। यह सीरीज मैदान के अंदर और बाहर बुरे कारणों से चर्चा में रही। लेकिन मर्चेन्ट और मुश्ताक की बल्लेबाजी ने भारत को कुछ खुश होने के पल दिए।
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