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वर्ल्ड कप फ्लैशबैक: नवजोत सिंह सिद्धू की ‘स्ट्रोकलेस वंडर’ से सिक्सर सिद्धू बनने की दास्तान

भारत के पूर्व बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने भले आज राजनीति और टीवी जगत में एक अलग पहचान बना ली हो लेकिन जब तक सिद्धू क्रिकेट के मैदान पर थे तब तक उन्होंने बड़े बड़े गेंदबाजों के छक्के छुड़ाए हैं।

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Navjot Singh Sidhu Strokeless wonder to Sixer Sidhu
Navjot Singh Sidhu Strokeless wonder to Sixer Sidhu (Google Search)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 28, 2019 • 01:24 PM

भारत के पूर्व बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने भले आज राजनीति और टीवी जगत में एक अलग पहचान बना ली हो लेकिन जब तक सिद्धू क्रिकेट के मैदान पर थे तब तक उन्होंने बड़े बड़े गेंदबाजों के छक्के छुड़ाए हैं। हालांकि सिद्धू का शुरुआती करियर उतना सफल नहीं रहा था और उनके खराब बल्लेबाजी शैली को देखकर कई लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 28, 2019 • 01:24 PM

सिद्धू ने अपना पहला टेस्ट मैच साल 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला। वो लगातार 2 मैचों में फ्लॉप रहे जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
उन दो मैचों में सिद्धू की बैटिंग शैली बहुत ही खराब थी और वो नई गेंद खेलने में असहज थे। सिद्धू के इस प्रदर्शन पर उस समय इंडियन एक्सप्रेस के मशहूर पत्रकार राजन बाला ने एक खबर लिखी जिसका टाइटल था' "सिद्धू द स्ट्रोकलेस वंडर"। 

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इस खबर को पढ़कर सिद्धू के साथ-साथ उनके घरवाले को भी काफी दुख हुआ और तब उन्होंने मान लिया था कि सिद्धू का करियर लगभग ख़त्म है। इसी बीच सिद्धू के पिताजी सरदार भागवत सिंह का भी निधन हो गया। सिद्धू को इस बात का बहुत बुरा लगा कि वो अपने पिताजी के सपने को पूरा नहीं कर पाए और भारत के लिये कोई अच्छी पारी नहीं खेल पाए।

वर्ल्ड कप आने में अभी करीब 3 साल बचे हुए थे और सिद्धू ने इसके बाद लगातार दिन रात मेहनत की ताकि वो 1987 में होने वाले आगामी वर्ल्ड कप टीम में अपनी जगह बना पाए। आखिरकार सिद्धू ने 1987 वर्ल्ड कप की 14 सदस्यीय टीम में अपनी जगह बना ली।

 

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