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Not Finished- एक बार फिर से ज़िंदा हो चुका है रहाणे और पुजारा का करियर!

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का फ्लॉप शो देखने के बाद सभी ने मान लिया था कि ये टेस्ट मैच इन दोनों के करियर का आखिरी टेस्ट मैच होने वाला है

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Cricket Image for Not Finished- एक बार फिर से ज़िंदा हो चुका है रहाणे  और पुजारा का करियर!
Cricket Image for Not Finished- एक बार फिर से ज़िंदा हो चुका है रहाणे और पुजारा का करियर! (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Jan 05, 2022 • 10:08 PM

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का फ्लॉप शो देखने के बाद सभी ने मान लिया था कि ये टेस्ट मैच इन दोनों के करियर का आखिरी टेस्ट मैच होने वाला है लेकिन जोहानिसबर्ग टेस्ट की दूसरी पारी खत्म होते-होते वक्त और ज़ज्बात दोनों बदल चुके हैं।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
January 05, 2022 • 10:08 PM

भारत ने दक्षिण अफ्रीका को मैच जीतने के लिए 240 रनों का लक्ष्य दिया है और अगर भारत 239 के स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा है तो इसका क्रेडिट रहाणे और पुजारा की जोड़ी को जाता है जिन्होंने ना सिर्फ शतकीय साझेदारी करके अपनी टीम को मुसीबत से निकाला बल्कि अपने करियर बचाने का काम भी किया।

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इस टेस्ट की दूसरी पारी में इन दोनों का अलग ही रूप देखने को मिला क्योंकि दोनों ही पॉज़िटिव माइंडसेट के साथ शॉट्स खेल रहे थे और हर चौके के साथ अपने आलोचकों को करारा जवाब दे रहे थे। पुजारा ने आउट होने से पहले 86 गेंदों में 10 चौकों की मदद से 53 रनों की पारी खेली जबकि रहाणे ने भी 78 गेंदों का सामना करते हुए 58 रनों की पारी खेली।

रहाणे ने इस दौरान 8 चौके और 1 छक्का भी लगाया। इन दोनों के अर्द्धशतक पूरे होने का मतलब ये था कि आने वाले कुछ मुकाबलों तक अब ये बहस नहीं होगी कि इन दोनों को टीम से बाहर कर देना चाहिए क्योंकि एक बार फिर से इस जोड़ी ने साबित किया है कि मुश्किल परिस्थितियों में जिस धैैर्य और तकनीक की जरूरत होती है वो इन दोनों के पास है और इनमें अभी बहुत टेस्ट क्रिकेट बाकी है।

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अगर आप ये सोच रहे हैं कि सिर्फ एक पारी से हालात और ज़ज्बात कैसे बदल सकते हैं, तो आपको बता दूं कि आग लगने के लिए सिर्फ एक चिंगारी की जरूरत होती है और क्या पता जोहानिसबर्ग में लगी ये चिंगारी केपटाउन पहुंचते-पहुंचते आग में तब्दील हो जाए। इसलिए इन्हें अभी खत्म ना माना जाए।

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