Champions Trophy 2006: चैंपियंस ट्रॉफी की इस स्टोरी में क्राइम, आतंकवाद, बॉलीवुड, बेस्ट सेलर उपन्यास सब हैं और इनके साथ क्रिकेट तो है ही। क्रिकेट तक पहुंचने से पहले दो अलग-अलग छोटी स्टोरी को जानना जरूरी है।
पहली स्टोरी ग्रेगरी डेविड रॉबर्ट्स (Gregory David Roberts) की है जो किसी क्रिकेटर का नहीं, एक मशहूर ऑस्ट्रेलियाई क्रिमिनल का नाम है। वहां हेरोइन बेचने के माफिया, लूटमार और बैंक लूटने जैसे बड़े क्राइम किए। सजा मिली और पेंट्रीज जेल में बंद थे। 1980 में जेल से भाग निकले और एक देश से दूसरे देश भागते-भागते भारत आ गए और मुंबई के एक स्लम में नाम बदल कर टिक गए। इस दौर में, खाने का पैसा कमाने के लिए कई बॉलीवुड फिल्म में एक्स्ट्रा का काम किया।
1990 में फ्रैंकफर्ट में दाखिल होने की कोशिश में पकड़े गए और वापस आस्ट्रेलिया भेज दिया। फिर से जेल में- इस बार 6 साल के लिए। फिर से जेल से भाग गए। इस बार जब जेल में थे तो एक उपन्यास लिखना शुरू किया जिसका नाम रखा 'शांताराम (Shantaram)'। दो बार जेल स्टाफ ने उपन्यास की मैन्युस्क्रिप्ट फाड़ दी पर वे बाज न आए और फिर से लिखा। जैसा कि उपन्यास के टाइटल से स्पष्ट है- इसमें स्टोरी भारत में बिताए सालों के दौर की।