ऐसा नहीं कि ओलंपिक में क्रिकेट की चर्चा नहीं होती। कई खिलाड़ी न सिर्फ क्रिकेट के साथ, अपने देश के लिए किसी और खेल में भी खेले- ओलंपिक में भी हिस्सा लिया। जब भी ओलंपिक और क्रिकेट दोनों से जुड़े खिलाड़ियों का जिक्र होता है- भारत से एमजे गोपालन (MJ Gopalan) का नाम लिया जाता है। बहुत सी ऐसी ख़ास बातें हैं जो इस जिक्र में मालूम ही नहीं हैं और इतिहास के उन पेजों पर समय की धूल की परत और मोटी होती जा रही है।
जब 21 दिसंबर 2003 के दिन 94 साल 198 दिन की उम्र (इस पर भी उनके जन्म का साल गलत लिखा होने से विवाद है पर ये एक अलग स्टोरी है) में उन का चेन्नई में देहांत हुआ तो ये लिखा गया था कि भारतीय खेल के इतिहास के एक बेहद चर्चित चेप्टर का अंत हो गया। बात ओलंपिक की हो रही है तो उनके साथ जुड़ी सबसे बड़ी स्टोरी ये है कि वे क्रिकेट और हॉकी दोनों में बहुत बेहतर थे और दोनों साथ-साथ खेलते भी रहे। 1936 में एक मुकाम ऐसा आया जब उन्हें क्रिकेट और हॉकी में से किसी एक को चुनना था तारीखों के टकराव की वजह से।
1936 में विजी की कप्तानी में भारत की टीम इंग्लैंड टूर पर गई 3 टेस्ट की सीरीज खेलने और ये टूर चला 29 अप्रैल से 15 सितंबर तक। गोपालन उससे पहले टेस्ट डेब्यू कर चुके थे- जनवरी 1934 में इंग्लैंड के विरुद्ध ईडन गार्डन्स में। 1936 इंग्लैंड टूर की टीम में भी वे थे। उसी साल बर्लिन में ओलंपिक थे और भारत तब हॉकी में नंबर 1 टीम था और गोपालन हॉकी में भी भारत के लिए खेल चुके थे। ओलंपिक खेल थे 1 से 16 अगस्त तक और इस तरह गोपालन इंग्लैंड के टेस्ट टूर और ओलंपिक में से किसी एक में हिस्सा ले सकते थे। गोपालन ने तब क्रिकेट को चुना।