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उम्मीद है BCCI ने ओवल में WTC Final की टीम के हर नेट गेंदबाज को वॉशी की स्टोरी सुना दी होगी 

जब पिछली बार, ऑस्ट्रेलिया से, भारत से बाहर टेस्ट सीरीज खेले थे तो वह 2020-21 की सीरीज थी। अब सब जानते हैं कि भारत ने इतिहास बनाया और स्टॉप गैप कप्तान के साथ, टीम के कई नियमित खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti June 05, 2023 • 15:44 PM
उम्मीद है BCCI ने ओवल में WTC Final की टीम के हर नेट गेंदबाज को वॉशी की स्टोरी सुना दी होगी 
उम्मीद है BCCI ने ओवल में WTC Final की टीम के हर नेट गेंदबाज को वॉशी की स्टोरी सुना दी होगी  (Image Source: Twitter)
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जब पिछली बार, ऑस्ट्रेलिया से, भारत से बाहर टेस्ट सीरीज खेले थे तो वह 2020-21 की सीरीज थी। अब सब जानते हैं कि भारत ने इतिहास बनाया और स्टॉप गैप कप्तान के साथ, टीम के कई नियमित खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीते थे। इससे पहले 2018-19 की सीरीज भी जीते थे। क्या इस बार जीत की हैट्रिक बनाएंगे?

जब 2020-21 में जीते थे तो उस सीरीज की कई स्टोरी हैं। एक स्टोरी और भी है जो कहीं चर्चा में नहीं आई और कोच रवि शास्त्री ने अपनी रिपोर्ट में उसका जिक्र किया। अब बीसीसीआई को तो मालूम ही है कि क्या हुआ था और उम्मीद है कि बीसीसीआई ने, टीम के साथ लंदन गए 4 नेट गेंदबाजों को ये स्टोरी जरूर सुना दी होगी क्योंकि ये स्टोरी टीम के एक नेट गेंदबाज की ही है। 

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अब टीम इंडिया का जो पहला बैच, ओवल टेस्ट की तैयारी के लिए गया उसमें एक रिजर्व पेसर और तीन नेट गेंदबाज भी थे- मुकेश कुमार ( रिजर्व) और उनके साथ अनिकेत चौधरी, आकाश दीप और यारा पृथ्वीराज। अगर ये सभी, ये मानकर लंदन गए कि उन्होंने टेस्ट थोड़े ही खेलना है तो वे गलत नहीं पर जो उस ऑस्ट्रेलिया टूर में हुआ उसने ये सोच हमेशा के लिए बदल दी है।  

जब भारत की टीम 2020-21 की सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया गई तो टीम में इसी तरह से एक नेट गेंदबाज वाशिंगटन सुंदर थे। उन्होंने टूर में टेस्ट मैच खेलने के बारे में सोचा भी न था तो इसमें गलत क्या था? इसीलिए वे अपने किट बैग में सफेद पैड की एक भी जोड़ी नहीं ले गए थे। 

ऑस्ट्रेलिया में हालात एकदम बदले। कप्तान विराट कोहली सीरीज के बीच से वापस लौट आए और दूसरी तरफ टीम की इंजरी लिस्ट लंबी होती गई- यूं लग रहा था कि टीम इंडिया सचमुच अस्पताल के बिस्तर पर थी। टेस्ट के लिए फिट प्लेइंग इलेवन जुटाना मुश्किल हो रहा था क्योंकि कोई गारंटी नहीं थी कि कौन उपलब्ध है? ऐसे में ही टेस्ट खेलने की बारी आ गई वाशिंगटन की। टेस्ट क्रिकेटर बन गए- अपने पास सफेद पैड हुए बिना! टीम मैनेजमेंट को ये मालूम था पर सोच ये थी कि कोई न कोई इंतजाम हो जाएगा। 

इधर टेस्ट शुरू हुआ और उधर वाशिंगटन के लिए पैड की एक जोड़ी का इंतजाम करने की कोशिश में जुट गया टीम इंडिया का स्टाफ। वह लॉक डाउन के दिन थे और उन्हें जुटाना उम्मीद से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया। कोई इंतजाम नहीं हुआ तो ऑस्ट्रेलियाई कैंप को एक एसओएस भेजा गया। एक ऑस्ट्रेलियाई पुछल्ले बल्लेबाज (खब्बू) से तो खुद अनुरोध किया कि वह अपनी सफेद पैड की एक जोड़ी उधार दे दें? आपको क्या लगता है जवाब क्या था? दोनों ने साफ़-साफ़ इंकार इंकार कर दिया। बाजार खुल नहीं रहे थे- अन्यथा तो किसी भी स्टोर से खरीद लेते। 

अब टीम इंडिया सपोर्ट स्टाफ के सीनियर सदस्य को ड्यूटी दे दी गई कि कहीं से भी सफ़ेद पैड की जोड़ी का इंतजाम करो। वे भी इस इंतजाम में इधर-उधर भागते रहे पर कुछ काम नहीं आया। आखिरकार टीम इंडिया के मैनेजर गिरीश डोंगरे निकले 'कुछ भी इंतजाम' करने के लिए। वे कामयाब रहे पर पैड की 'खराब फिटिंग' वाली जोड़ी ही ढूंढ पाए। 

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विश्वास कीजिए- वाशिंगटन ने एक जोड़ी, खराब फिटिंग वाले पैड पहने और वह ऐतिहासिक टेस्ट मैच खेला। वे टेस्ट के उन हीरो में से एक थे जो जीत की कोशिश में शामिल थे। ऐसे किस्से इतिहास का हिस्सा बन जाते हैं। इस बार द ओवल में क्या होगा?


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