Hardik Singh: अपनी विरासत को आगे बढ़ाना भारतीय हॉकी खिलाड़ी हार्दिक सिंह के करियर की आधारशिला रहा है। टोक्यो (2020) और पेरिस (2024) में लगातार ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद, मिडफील्डर अब 2028 में लॉस एंजेलिस ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य बना रहे हैं। यह उनके परिवार का दूसरा ओलंपिक स्वर्ण पदक होगा, जो उनके चाचा गुरमेल सिंह ने 1980 में मास्को ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रहते हुए जीता था।
हार्दिक का कहना है कि उनके चाचा को पछाड़ने के लिए कोई दबाव या प्रतिस्पर्धा नहीं है, बल्कि हॉकी के मैदान पर देश की सेवा करने के परिवार के इतिहास को जारी रखना है।
हार्दिक ने 'आईएएनएस' से खास बातचीत में कहा, "कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है, लेकिन यह मेरे परिवार की विरासत है। मैं हमेशा अपने चाचा की जीत से प्रेरित होता हूं। इसलिए, मैं स्वर्ण पदक जीतने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करूंगा। हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है और मैं अपने देश और अपने परिवार के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहता हूं।"