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पैरा शूटिंग : कैसे होता है खिलाड़ियों का वर्गीकरण, खेल के नियम, कौन-कौन एथलीट ले सकते हैं भाग

Asian Para Games: पैरा शूटिंग, एक ऐसा खेल जहां धैर्य और निशाना साधने की कला एक साथ मिलकर प्रदर्शन करती है। पैरालंपिक के सभी इवेंट की तरह यह भी एक ऐसा खेल है जहां एथलीट न केवल अपनी शारीरिक सीमाओं को पार करते हैं, बल्कि मानसिक तौर पर भी एक नई ऊंचाई छूते हैं। 28 सितंबर से पेरिस में पैरालंपिक खेल शुरू हो रहे हैं।

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IANS News
By IANS News August 25, 2024 • 15:26 PM
Focus is on Asian Para Games, winning quota places for Paris, says Avani Lekhara after winning Best
Focus is on Asian Para Games, winning quota places for Paris, says Avani Lekhara after winning Best (Image Source: IANS)

Asian Para Games: पैरा शूटिंग, एक ऐसा खेल जहां धैर्य और निशाना साधने की कला एक साथ मिलकर प्रदर्शन करती है। पैरालंपिक के सभी इवेंट की तरह यह भी एक ऐसा खेल है जहां एथलीट न केवल अपनी शारीरिक सीमाओं को पार करते हैं, बल्कि मानसिक तौर पर भी एक नई ऊंचाई छूते हैं। 28 सितंबर से पेरिस में पैरालंपिक खेल शुरू हो रहे हैं।

पैरा शूटिंग, एक ऐसी दुनिया जहां हर शॉट एक कहानी बयां करता है। जहां हर निशाना एक भावना को व्यक्त करता है। जहां एथलीट विभिन्न प्रकार की इम्पेयरमेंट से ग्रस्त होते हैं। वे दिखाते हैं कि शारीरिक चुनौतियों से पार जाया जा सकता है।

शूटिंग ने पहली बार टोरंटो 1976 खेलों में पैरालंपिक में अपनी जगह बनाई थी। पैरालंपिक में शूटर 10 मीटर, 25 मीटर और 50 मीटर की दूरी से राइफल और पिस्टल इवेंट्स में भाग लेते हैं। इस खेल में इम्पेयरमेंट के अनुसार एथलीटों के वर्गीकरण होते हैं। एथलीट घुटने के बल, खड़े होकर (या अगर खड़े नहीं हो सकते तो व्हीलचेयर या शूटिंग सीट पर बैठकर) या लेटकर (व्हीलचेयर में एथलीट एक कोहनी को सपोर्ट करने वाली टेबल का उपयोग कर सकते हैं) शूट करते हैं।

क्वालिफिकेशन राउंड में, प्रतियोगी 10 गोलाकार रिंग वाले टारगेट पर एक निश्चित संख्या में शॉट्स लगाते हैं। इस राउंड में हर शॉट के स्कोर को मिलाकर कुल स्कोर बनाया जाता है, और टॉप-आठ खिलाड़ी फाइनल में पहुंचते हैं। फाइनल के दौरान, सबसे कम स्कोर वाले खिलाड़ियों को एक-एक कर बाहर किया जाता है, जब तक कि एक विजेता तय न हो जाए। इस तरह की प्रतियोगिता शुरुआत से अंत तक रोमांच और तनाव से भरी होती है।

पैराशूटिंग में पैराप्लेजिया (मुख्यत लोअर बॉडी का पैरालाइसिस) और उसके समकक्ष, क्वाड्रीप्लेजिया (हाथ-पैरों का पैरालाइसिस) और उसके समकक्ष, ऐसे खिलाड़ी जिनके लोअर या अपर लिंब को किसी वजह से काटना पड़ा, हेमीप्लेजिया और छोटे कद वाले खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।

पैरालंपिक के वर्गीकरण में भी अक्षर और नंबर का इस्तेमाल होता है। अक्षर एसएच 'शूटिंग' को इंगित करता है। संख्या 1 और 2 होती है।

एसएच1 ऐसे एथलीट होते हैं जो खड़े होकर बगैर किसी परेशानी के अपनी गन को पकड़ सकते हैं। व्हीलचेयर पर बैठकर बगैर किसी परेशानी के गन को पकड़ने वाले एथलीट भी इसी श्रेणी में आते हैं।

एसएच2 वर्ग में आने वाले खिलाड़ी अपनी राइफल को पकड़ने और कंट्रोल करने के लिए स्टैंड का इस्तेमाल करते हैं। इस वर्ग में कुछ एथलीट को अपनी गन को रीलोड करने के लिए सहायता की जरूरत भी हो सकती है।

टोक्यो पैरालंपिक में भारत की अवनि लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्टैंडिंग एसएच1 में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन शूटिंग एसएच1 में भी कांस्य पदक जीता था। यानी ओलंपिक लेवल के एक इवेंट में दो मेडल जीतने की जो उपलब्धि मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में हासिल की, अवनि लेखरा टोक्यो पैरालंपिक में उसको हासिल कर चुकी थीं।

एसएच2 वर्ग में आने वाले खिलाड़ी अपनी राइफल को पकड़ने और कंट्रोल करने के लिए स्टैंड का इस्तेमाल करते हैं। इस वर्ग में कुछ एथलीट को अपनी गन को रीलोड करने के लिए सहायता की जरूरत भी हो सकती है।

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Article Source: IANS


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