संतोष ट्रॉफी: पश्चिम बंगाल ने सर्विसेज को 4-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया
Santosh Trophy: संतोष ट्रॉफी के लिए 78वीं राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप में रविवार को गाचीबावली स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल में दो हाफ की कहानी देखने को मिली, जिसमें पश्चिम बंगाल ने गत चैंपियन सर्विसेज को 4-2 से हराकर फाइनल में जगह पक्की की।
Santosh Trophy: संतोष ट्रॉफी के लिए 78वीं राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप में रविवार को गाचीबावली स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल में दो हाफ की कहानी देखने को मिली, जिसमें पश्चिम बंगाल ने गत चैंपियन सर्विसेज को 4-2 से हराकर फाइनल में जगह पक्की की।
इस जीत के साथ पश्चिम बंगाल ने टूर्नामेंट के फाइनल में 47वीं बार प्रवेश किया, जिसमें उसने रिकॉर्ड 32 बार खिताब जीता है।
इस मैच में पश्चिम बंगाल ने शुरुआत से ही अपना दबदबा बनाए रखा। मनोटोस माजी और नारो हरि श्रेष्ठ ने एक-एक गोल किया, जबकि टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 11 गोल करने वाले रोबी हंसदा ने दो गोल करके प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता।
पहले हाफ में काफी समय तक बैकफुट पर रहने वाली सर्विसेज ने बिकाश थापा और पश्चिम बंगाल के खुद के गोल की मदद से गोल करने में सफलता पाई, जिससे दूसरे हाफ में खेल में कुछ रोमांच पैदा हो गया।
पश्चिम बंगाल ने पहले हाफ में बेहतरीन तरीके से हमले किए। डिफेंस में उनका संगठन भी बेहतरीन रहा, जिससे सर्विसेज के फॉरवर्ड कोई खास प्रभाव नहीं डाल पाए।
सात खिताब अपने नाम करने वाली सर्विसेज में सुसंगत रणनीति की कमी दिखी। वे बंगाल की डिफेंस को भेदने में संघर्ष करती दिखीं और पीछे से अव्यवस्थित दिखीं, जिससे पहले हाफ में अपने विरोधियों के लगातार हमलों को रोक पाने में वे असमर्थ रहीं।
सर्विसेज की डीप लॉन्ग बॉल को क्लियर न कर पाने की वजह से 16वें मिनट में पहला गोल हुआ। माजी ने डिफेंसिव चूक का फायदा उठाया और बॉक्स के किनारे पर बॉल को नियंत्रित किया और गोल करके पश्चिम बंगाल को बढ़त दिला दी। यह माजी का टूर्नामेंट का छठा गोल था।
जैसे-जैसे पहला हाफ खत्म होने के करीब पहुंचा, पश्चिम बंगाल ने अपना हमला तेज कर दिया। इंजरी टाइम में नारो हरि श्रेष्ठ की बेहतरीन चिप ने हंसदा के पास गेंद को पहुंचा दिया, जिन्होंने सर्विसेस के गोलकीपर गगनदीप सिंह को चकमा देकर अपना 10वां गोल किया।
कुछ ही देर बाद श्रेष्ठ ने माजी की थ्रू बॉल को गोल में बदलकर टूर्नामेंट में अपने सात गोल किए और हाफटाइम तक पश्चिम बंगाल की बढ़त को बढ़ाया।
हालांकि, दूसरे हाफ में तस्वीर कुछ और ही थी। शायद आत्मसंतुष्ट होने के कारण पश्चिम बंगाल की पकड़ ढीली पड़ गई, जिससे सर्विसेस को वापसी करने का मौका मिल गया। सर्विसेस के कोच प्रिय दर्शन के रणनीतिक समायोजन ने भी स्थिति को बदलने में मदद की। 53वें मिनट में सर्विसेस ने अंतर कम किया, जब सब्सटीट्यूट बिकाश थापा ने दिलन खरका छेत्री के क्रॉस को बाएं से हेडर किया।
इस गोल ने नाटकीय रूप से सर्विसेस के पक्ष में गति बदल दी और 74वें मिनट में दूसरा गोल करने के लिए दबाव बनाने पर उनकी वापसी साफ देखी जा सकती थी। दाएं से एक आकर्षक क्रॉस को पश्चिम बंगाल के डिफेंडर जुवेल अहमद मजूमदार ने अपने ही नेट में डाल दिया, जिससे एक तनावपूर्ण समापन की स्थिति बन गई।
हालांकि, दूसरे हाफ में तस्वीर कुछ और ही थी। शायद आत्मसंतुष्ट होने के कारण पश्चिम बंगाल की पकड़ ढीली पड़ गई, जिससे सर्विसेस को वापसी करने का मौका मिल गया। सर्विसेस के कोच प्रिय दर्शन के रणनीतिक समायोजन ने भी स्थिति को बदलने में मदद की। 53वें मिनट में सर्विसेस ने अंतर कम किया, जब सब्सटीट्यूट बिकाश थापा ने दिलन खरका छेत्री के क्रॉस को बाएं से हेडर किया।
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Article Source: IANS