ब्रेकिंग: वीरेंद्र सहवाग ने सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के बारे में किया ये भयंकर खुलासा
3 अगस्त , नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग इन दिनों अपने सोशल नेटवर्क साइट पर अपने मजेदार ट्वीट से क्रिकेट प्रेमियों का दिल बराबर जीत रहे हैं। अपनी दूसरी पारी में जिस तरह से सहवाग ने
3 अगस्त , नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग इन दिनों अपने सोशल नेटवर्क साइट पर अपने मजेदार ट्वीट से क्रिकेट प्रेमियों का दिल बराबर जीत रहे हैं। अपनी दूसरी पारी में जिस तरह से सहवाग ने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता है वो कमाल है। सहवाग ने अपने करियर में जो किया वो किसी भी बल्लेबाज के असंभव सा था। चाहे पहली गेंद पर चौका लगाकर पारी की शुरुआत हो या फिर शतक या दोहरा शतक हो फिर तीहरा शतक छक्के से पूरा करना सहवाग के वश की ही बात थी।
एक नीजी कार्यक्रम में 37 वर्षीय इस धाकड़ ने अपने करियर से जुड़ी कई राज पर से पर्दा उठाया है। उन्होंने इस कार्यक्रम में बताया है कि किस तरह उनके करियर को संवारने में सौरव गांगुली और सचिन तेंदलुकर का हाथ रहा । आंद्रे रसेल की हॉट पत्नी की ये तस्वीरें देखकर आप हो जाएंगे पागल
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सहवाग ने टेस्ट हो या वनडे एक तरह की बल्लेबाजी कर कमाल कर दिया था। डैब्यू वनडे मैच में सहवाग की शुरुआत बेहद ही खराब रही थी। साल 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में खेले गए वनडे मैच में सहवाग ना केवल बल्लेबाजी से फ्लॉप रहे थे बल्कि गेंदबाजी में भी असफल रहे । सहवाग अपने डैब्यू मैच में केवल 1 रन बनाकर आउट हुए तो वहीं 3 ओवर की गेंदबाजी स्पैल में सहवाग ने 35 रन लूटाए थे। रोहित शर्मा के 264 रन के रिकॉर्ड को तोड़ने से चुका यह बल्लेबाज
पहले मैच को याद करते हुए सहवाग ने कहा कि मैं जिस गेंद पर आउट हुआ मुझे दिखाई नहीं दी थी। “शाहिद नजीर की गेंद पर ऐज लग गई और जैसे तैसे मैंने एक रन बना लिया” लेकिन शोएब अख्तर की गेंद बहुत तेज थी जिस गेंद पर मैं आउट हुआ।“
पहले मैच में असफल रहने के बाद मै टीम बस मेंअकेले बैठा था तो सौरव गांगुली मेरे समीप आकर मुझेसे बात की उन्होंने कहा “ अगर तू टीम से बाहर होता है तो इतने रन मारना कि वापस टीम में आ जाए” ..
सहवाग ने इसके बाद कहा कि डैब्यू मैच में बेहद ही खराब शुरुआत के बाद दादा की ये बात मेरे लिए प्रेरणादायक साबित हुई। साल 2000- 2001 के घरेलू सीजन में दिल्ली के तरफ से खेलते हुए मैंने 757 रन 58 के बल्लेबाजी औसत के साथ जमाए। घरेलू टूर्नामेंट में शानदार परफॉर्मेंस करने का फल मुझे मिला और मैं साल 2001 के साउथ अफ्रीकी दौरे के लिए मेरा चयन भारतीय टीम में फिर से हो गया।
नजफगढ़ के इस तेंदुलकर ने कहा कि सौरव ने जिस तरह से मुझे कहा था वो मेरे करियर के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ। इसके अलावा सहवाग ने कहा कि तेंदुलकर के साथ क्रिकेट खेलना उनके करियर का सबसे बेहतरीन पल था।
उन्होंने कहा कि अफ्रीकन पिच पर गेंदबाजी का सामना करने से पहले तेंदुलकर ने मुझे बताया कि कैसे तेज गेंदबाजों का सामना करना है। सहवाग ने एक मजेदार वाक्ये को याद करते हुए कहा कि मैं बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरा तो तेंदुलकर ने मुझसे कहा कि “पैट में गुदगुदी हो रही है” इसके बाद मैंने कहा- वो सब छोड़ो सर ये बताओं क्या हो रहा है पिच पर”
इसके अलावा सहवाग ने कहा कि तेंदुलकर ने मुझे सलाह देते हुए कहा कि साउथ अफ्रीकन गेंदबाज ज्यादातर बाउंसर गेंदबाजी करेंगे।
इसके अलावा सहवाग ने पाकिस्तान के मुल्तान टेस्ट को याद करते हुए कहा कि जब मैंने चौथा छक्का जमाया औऱ मैं 295 रन के स्कोर पर पहुंचा तो सचिन मेरे पास आए और उन्होंने कहा कि “मैं तेरे को बैट से मारूंगा अगर तूने छक्का जमाया तो। सचिन के ऐसा कहने के बाद मैनें कहा अगर सक्लैन मुश्ताक गेंदबाजी करने आएगा तो मैं छक्का जमाउंगा।
ऐसा ही हुआ और सहवाग ने छक्का जमाकर तीहरा शतक पूरा किया था।
सहवाग के ऐसा करते ही भारत के तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पहले ऐसे बल्लेबाज बने जिन्होंने तीहरा शतक जमाया हो। लेकिन जिस अंदाज से वीरू ने तीहरा शतक जमाया था उससे पता चलता है कि यह बल्लेबाज किसी और वर्ल्ड से आया था।
विशाल भगत (CRICKETNMORE)