दर्द में भी आशीष नेहरा ने जीता दिल
2003 का वर्ल्ड कप की शुरूआत में भारतीय टीम को बाकी बड़ी टीमों के मुकाबले काफी कमजोर आंका जा रहा था लेकिन भारत की युवा टीम ने इस वर्ल्ड कप में जो प्रदर्शन किया वह भारतीय क्रिकेट फैंस के जहन से कभी नहीं निकल सकता । भारत की इस टीम नें शामिल थे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा भी शामिल थे जो अपने इंटरनेशनल डेब्यू के बाद अधिकतर समय चोटिल रहने के कारण भारतीय तेज गेंदबाजी अटैक में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए थे। लेकिन 2003 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ एक लीग मुकाबले में आशीष नेहरा ने बेहतरीन प्रदर्शन कर अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया। इस मैच में नेहरा के प्रदर्शन के चलते ही भारत ने सुपर सिक्स में अपनी जगह पक्की की थी।
26 फरवरी 2003 को डरबन के मैदान में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के शानदार अर्धशतक औऱ युवराज सिंह की शानदार पारी की बदौलत निर्धारत 50 ओवर में 250 रन का सम्मानजनक स्कोर बना लिया था।
इसके जवाब बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड को जवागल श्रीनाथ और जहीर खान की अनुभवी जोड़ी ने शुरूआती झटके दिए और केवल 18 रन के स्कोर पर इंग्लैंड के दोनों सलामी बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। इसके बाद कप्तान सौरव गांगुली ने आशीष नेहरा को गेंद थमाई। इस मैच से दो दिन पहले तक नेहरा के टखने में काफी सूजन थी और लग रहा था कहीं उनकी यह चोट मैच के दौरान परेशान ना कर दे। लेकिन नेहरा ने बेहतरीन गेंदबाजी करी और इंग्लैंड के पूरे बल्लेबाजी क्रम की कमर तोड़ दी। नेहरा ने अपने 10 ओवर के स्पेल में 23 रन देकर 6 विकेट झटके और ये टीम इंडिया के किसी भी खिलाड़ी का वर्ल्ड कप में बेस्ट बॉलिंग कार्ड भी है और वन डे में नेहरा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है।
नेहरा ने जिन बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था वो थे माइकल वॉन, नासिर हुसैन, एलेक स्टीवर्ट, पॉल कोलिंगवुड,क्रेग व्हाइट,रोनाल्ड ईरानी । इंग्लैंड एंड्रयू फ्लिंटॉफ के शानदार अर्धशतक के चलते कुछ समय तक संघर्ष कर पाई और 168 रन पर सिमट गई। भारत 82 रन से यह मैच जीतकर सुपर सिक्स के और करीब पहुंच गया था,नेहरा को उनकी मैच विनिंग प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
सौऱभ शर्मा/CRICKETNMORE