अपनी वाइफ से ज्यादा इसके साथ समय बिताते थे आशीष नेहरा, पूर्व कप्तान गांगुली का खुलासा
4 नवंबर,नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले आशीष नेहरा के कभी ना हार मानने के जज्बे की पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने जमकर तारीफ की है। गांगुली की कप्तानी में खेलते हुए नेहरा ने अपने करियर में कई शानदार रिकॉर्ड भी बनाए थे।
क्रिकेट करियर के दौरान नेहरा की कुल 12 सर्जरी हुई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 38 साल की उम्र में क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में वापसी भी की।
इस पर इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए इंडिया टुडे ने कहा “मुझे लगता है कि उसका सबसे अच्छा दोस्त फिजियो था । मुझे लगता है कि शायद वह अपनी पत्नी की तुलना में फिजियो के साथ ज्यादा समय बिताता था। करियर के ज्यादातर समय में उसकी बॉडी ने उसका साथ नहीं दिया। लेकिन वह बहुत प्रतिभाशाली थे औऱ उन्होंने चोटों के बाद भी खेलना जारी रखा। वह बहुत प्रतिस्पर्धात्मक है और उसने कभी हार नहीं मानी।“
नेहरा के संन्यास पर बात करते हुए गांगुली ने कहा “ नेहरा उन खुशकिस्मत क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने अपने होमग्राउंड से क्रिकेट को अलविदा कहा। पहले सचिन तेंदुलकर और अब आशीष नेहरा। देखकर अच्छा लगा कि सिलेक्टर्स ने उसपर भरोसा जताया। नेहरा ने अपने आखिरी मुकाबले में भी शानदार गेंदबाजी की। कोटला में गेंदबाजी काफी मुश्किल होती है लेकिन उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
नेहरा ने 1999 में दिसंबर में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। हालांकि वह टेस्ट क्रिकेट ज्यादा नहीं खेल पाए। उनके खाते में सिर्फ 17 टेस्ट मैच हैं जिसमें उन्होंने 44 विकेट लिए हैं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच रावलपिंडी में पाकिस्तान के खिलाफ 2004 में खेला था।
वनडे में नेहरा ने भारत के लिए 120 मैच खेले हैं और 157 विकेट लिए हैं। जिम्बाब्वे के खिलाफ 2001 में हरारे में अपना पहला मैच खेलने वाले नेहरा ने अपना आखिरी वनडे 2011 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ 30 मार्च को खेला था।
नेहरा को 2003 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में छह विकेट लेने के लिए जाना जाता है। इस मैच में उन्होंने इंग्लैंड की कमर तोड़ दी थी और भारत को जीत दिलाई थी। इस विश्व कप में नेहरा, जहीर खान और जवागल श्रीनाथ की तिगड़ी ने भारत को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की थी