IPL 2021 : अगर बीसीसीआई ने 10 टीमें की शामिल, तो कुछ ऐसा हो सकता है आईपीएल 2021 का फॉर्मेट

Updated: Fri, Dec 04 2020 17:30 IST
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पिछले काफी समय से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि आईपीएल के 14वें सीजन में 9 या 10 टीमें खेलती हुई नजर आ सकती हैं। ऐसे में अब इन खबरों ने और रफ्तार पकड़ ली है क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) 24 दिसंबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक बैठक में इस बारे में चर्चा करने वाला है और इसके बाद हमें ये पता चल जाएगा कि हमें आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सीज़न में दो नई टीमें खेलती हुई नजर आएंगी या नहीं।

24 दिसंबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम बैठक में इसके अलावा क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने के बारे में भी कथित तौर पर चर्चा की जाएगी। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि आईपीएल में 10 टीमें खेलती हुई नजर आएंगी।

2011 में संपंन्न हुए आईपीएल सीज़न में भी 10 टीमों ने भाग लिया था, जबकि इस टी 20 लीग के अगले दो संस्करणों में, नौ टीमों ने हिस्सा लिया था। ऐसे में अब बीसीसीआई द्वारा दो नई टीमों को मंजूरी देने की संभावना के साथ, आईपीएल 2021 में भी हमें 10 टीमें खेलती हुई नजर आ सकती हैं। इससे पहले इन खबरों ने भी तूल पकड़ा था कि अगले सीज़न में केवल एक टीम को जोड़ा जाएगा जबकि 10 वीं फ्रैंचाइज़ी को अगले सीज़न में जोड़ा जाएगा।

आईपीएल 2021 में  10 टीमों के होने के चलते मैगा ऑक्शन होंगे और इसके चलते फ्रेंचाइजी कथित तौर खुश नहीं थे क्योंकि अगर आईपीएल 2021 से पहले मैगा ऑक्शन हुए तो कई टीमों के बड़े खिलाड़ी ऑक्शन में उतरेंगे और ऐसे में उन्हें सिर्फ तीन खिलाड़ियों को रिटेन करने का विकल्प मिलेगा। 

IPL 2021 के लिए ये हो सकता है फॉर्मैट

अगर वर्तमान में आईपीएल फॉर्मैट की बात की जाए, आठ टीमें दो बार राउंड-रॉबिन प्रारूप में एक-दूसरे का सामना करती हैं, जिससे लीग चरण में 14 मैच हो जाते हैं। इसके बाद शीर्ष चार टीमें प्लेऑफ़ में जगह बना लेती हैं। हालांकि, अगर दो टीमें और जुड़ती हैं, तो एक टीम को एक सीजन में 18 मैच खेलने होंगे, जिससे आईपीएल का सीजन और लंबा हो जाएगा और फैंस को बहुत सारे मैच देखने को मिल सकते हैं।

लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल 2021 के फॉर्मैट में बदलाव होगा और आयोजक 2011 में इस्तेमाल किए गए फॉर्मैट को ही दोबारा इस्तेमाल किए जाने के बारे में विचार कर रहे हैं। 2011 के फॉर्मैट की बात करें, तो 10 टीमों को पांच-पांच के दो ग्रुपों में विभाजित किया जाएगा।

ऐसे में हर टीम अपने ग्रुप की चार टीमों के साथ दो-दो बार भिड़ेगी और दूसरे ग्रुप की चार टीमों के साथ एक-एक बार और बाकी बची एक टीम के साथ दो मुकाबले होंगे। तो ऐसे कुल मिलाकर एक टीम 14 मुकाबले खेलेगी।

ग्रुपों को निर्धारित करने के लिए एक ड्रॉ का उपयोग किया गया था और चयन किया गया था कि कौन सी टीम एक या दो बार एक-दूसरे के खिलाफ खेलेगी। 2011 में इस्तेमाल किया गया ये प्रारूप काफी जटिल लग रहा था, लेकिन अगर अब पीछे मुड़कर देखा जाए, तो इस फॉर्मैट ने बीसीसीआई का काफी समय बचाया।

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