यूएई में IPL 2021 पूरा करवाने पर BCCI के सामने खड़ी है 5 बड़ी बाधा, पहली है सबसे बड़ी सिर दर्द
आईपीएल का 14वां सीजन 9 अप्रैल से शुरू हुआ लेकिन कई टीमों के बायोबबल में कोरोना के मामले बढ़ जाने के कारण लीग को 29 मैचों के बाद ही रोक दिया गया। अब बीसीसीआई ने बचे हुए 31 मैचों को करवाने के लिए यूएई को चुना है जहां 2020 का पूरा आईपीएल खेला गया था।
जब आईपीएल स्थगित हुआ था तब बीसीसीआई ने इस बात पर जोर दिया था की अगर सीजन पूरा नहीं खेला गया तो इससे बोर्ड को करीब 200 करोड़ का बड़ा नुकसान होगा।
लेकिन यूएई में आईपीएल करवाने का फैसला बीसीसीआई के लिए काफी मुश्किल पड़ रहा है और इस बीच कई बड़े सवाल सामने आ रहे हैं।
एक नजर डालते है यूएई में आईपीएल करवाने के फैसले पर आ रही बाधाओं पर -
विदेशी खिलाड़ी आएंगे या नहीं - यूएई में आईपीएल सितंबर-अक्टूबर के महीने में खेला जाना है। इसके कुछ दिनों बाद ही टी-20 वर्ल्ड कप भी शुरू होगा और कई टीमों को अपनी सीरीज भी खेलनी है। ऐसे में कई टीमों से कुछ बड़े खिलाड़ी मौजूद नहीं होंगे और ऐसे बड़े नामों के ना होने से आईपीएल के रोमांच में थोड़ी तो कमी आएगी। तब करीब 6 देशों की द्वपक्षीय सीरीज चल रही होगी और ऐसे में सबसे बड़ा सावल यह है कि क्या उन देशों के क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने के लिए मंजूरी देंगे।
आईपीएल के आसपास यूएई में होंगे ये मुकाबले - सितंबर के महीने में पाकिस्तान और अफगानिस्तान की टीमें तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए दो-दो हाथ करेंगी। क्योंकि अफगानिस्तान का होम ग्राउंड भारत या यूएई है इसलिए कोरोना की स्थिति को देखते हुए यह सीरीज यूएई में ही खेला जाएगा।
इसके अलावा टी-20 वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज और तीन मैचों की ही टी-20 सीरीज खेली जाएगी। दोनों टीमों के बीच यह सीरीज यूएई में ही सितंबर- अक्टूबर के महीने में खेली जाएगी।
इसके अलावा अफगानिस्तान और आयरलैंड के बीच भी तीन मैचों की टी-20 सीरीज खेली जाएगी।
खिलाड़ियों पर लगातार क्रिकेट से बढ़ता दबाव - सभी को पता है कि आईपीएल खत्म होते ही आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप की शुरूआत हो जाएगी और ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कोई भी क्रिकेट बोर्ड अपने देश के स्टार खिलाड़ियों को इसमें भेजने की अनुमती देगा या नहीं। लगातार क्रिकेट से खिलाड़ियों की मनोदशा पर भी प्रभाव पडे़गा। यूएई की गर्मी में खेलना वैसे भी थोड़ा मु्श्किल होता है और ऐसे में बड़े खिलाड़ियों को अगर चोट या इंजरी की समस्या आती है तो पूरी टीम को टी-20 वर्ल्ड कप में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
पानी की तरह बहाना पड़ेगा पैसा - बीसीसीआई को अगर विदेशी खिलाड़ियों को उनके देश से लाकर बायोबबल नें प्रवेश कराना है तो उन्हें बीजनेस क्लास से लाना होगा जो बीसीसआई के लिए थोड़ा महंगा पड़ सकता है। विदेशी खिलाड़ी पहले ही एक बार भारत में आकर 29 मैचों के बाद अपने देश वापस जा चुके है ऐसे में उन्हें वापस पूरी सुविधा और प्राइवेट तरीके से लाना बीसीसीआई के लिए बड़ा सर दर्द होगा।
इसके अलावा यूएई में पिछली बार दुबई और आबुधाबी में एक कमरे में रहने का खर्च करीब 12,000 रूपये आया था। भारत में किसी भी 5 स्टार होटल में एक रात रहने का खर्च सिर्फ 3500 रूपये आया था।
बायोबबल में खिलाड़ियो ंके लिए सारी सुविधा - खिलाड़ियों को टूर्नामेंट खत्म होने तक बायोबबल में रहना पड़ता है ऐसे में बीसीसीआई को सभी खिलाड़ियो ंकी हर सुविधा का ध्यान रखना पड़ेगा। होटल में उनके खाने से लेकर रहने तक और साथ ही मैदान के अंदर और बाहर ये भी देखना की खिलाड़ी किसी के संपर्क में ना आए।