Cricket Tales: जब इंग्लैंड के कप्तान ने दर्शकों से ग्राउंड से पानी निकालने में मांगी मदद

Updated: Wed, Aug 02 2023 19:18 IST
England vs Australia 1968 Ashes Fifth Test At The Oval (Image Source: Google)

Cricket Tales: क्या आप जानते हैं कि बरसात रुकने और किसी भी तरह क्रिकेट शुरू होने की आँख-मिचौली में किस पुराने टेस्ट को सबसे ज्यादा याद किया गया? 1968 में ओवल में एशेज टेस्ट का आखिरी दिन- तब भी बारिश थी और तब भी इंग्लैंड टेस्ट जीतने की उम्मीद लगाए था- संयोग से बारिश रुकी तो चुनौती थी कि फटाफट ग्राउंड को खेल के लिए फिट करो। क्या किया था तब? जब वास्तव में, खेल शुरू हुआ तो इंग्लैंड को टेस्ट जीतने के लिए 5 विकेट लेने थे और सिर्फ 75 मिनट का समय बचा था। सोचिए कैसी क्रिकेट हुई होगी तब? अब सीधे ओवल चलते हैं-

टेस्ट की तारीखें 22-27 अगस्त, 1968 और ये सीरीज का पांचवां और आखिरी टेस्ट था। पिछले 4 टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया 1-0 से आगे था और एशेज पर उनका अधिकार हो चुका था पर इंग्लैंड की कोशिश थी 1-1 की बराबरी की।

तब इंग्लैंड की टीम में एड्रिच, मिलबर्न, डेक्सटर, काउड्रे और ग्रेवेनी, डी'ओलिवेरा और नॉट जैसे बल्लेबाज थे जबकि गेंदबाजी में स्नो और ब्राउन, अंडरवुड और इलिंगवर्थ थे। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी की। जब स्कोर 238-4 था तो ओपनर एड्रिच का साथ देने डी'ओलिवेरा आए। डॉली के लिए, ये दक्षिण अफ्रीका के अगले टूर के लिए टीम में जगह पक्की करने का संभवतः आखिरी मौका था और वे जम गए। डी'ओलिवेरा 158, एड्रिच 164 और इंग्लैंड ने 494 रन बनाए। बिल लॉरी के 135 के बावजूद ऑस्ट्रेलिया ने 324 रन बनाए। इस दौरान पिच का मिजाज बदलता साफ़ दिखाई दे रहा था और इसीलिए ऑस्ट्रेलिया ने भी इंग्लैंड को दूसरी पारी में सिर्फ 181 पर आउट कर दिया।

इस तरह जीत के लिए 352 रन का लक्ष्य मिला ऑस्ट्रेलिया को। जब चौथे दिन खेल रुका तो उनका स्कोर 13-2 था। इंग्लैंड के कप्तान कॉलिन काउड्रे ने जीत का सपना देखना शुरू कर दिया था। पांचवें दिन अचानक ही लंच के समय (तब तक ऑस्ट्रेलिया के 5 विकेट गिर चुके थे) भारी तूफान आया और जबरदस्त बारिश हुई- पूरी आउटफील्ड पर घास नहीं, पानी ही पानी दिखाई दे रहा था मानो तालाब हो। मौसम का तमाशा अजीब था- सिर्फ 30 मिनट बाद ही सूरज चमक रहा था। सवाल था खेल कैसे शुरू हो? ग्राउंड स्टाफ लग गया काम में। विजडन ने लिखा- बारिश रुकने के बाद, ग्राउंड स्टाफ़ के लिए आउटफील्ड से सारा पानी निकाल कर, उसे खेल शुरू करने के लिए फिट बना पाना संभव नहीं था। उन दिनों, आज जैसी, मशीन नहीं थीं पानी निकालने के लिए।

तो क्या किया? काउड्रे, अपनी पतलून जूतों के ऊपर तक मोड़ कर खुद ग्राउंड में थे ताकि काम में तेजी रहे पर उन्हें जल्दी ही अहसास हो गया कि ऐसे काम नहीं चलेगा। काउड्रे ने तभी लाउडस्पीकर पर आवाज लगाई और दर्शकों को कहा कि वे भी ग्राउंड में आ जाएं और पानी निकालने और आउट फील्ड सुखाने में मदद करें। बस फिर क्या था- ढेरों दर्शक झाड़ू और कपड़े ले कर जुट गए ग्राउंड स्टाफ की मदद में।

मेहनत रंग लाई। पानी निकाल कर फील्ड को सुखाया और अभी 75 मिनट बचे थे। खेल फिर से शुरू हुआ। 40 मिनट तक कोई विकेट नहीं गिरा। आखिर में, कॉलिन काउड्रे ने डी'ओलिवेरा को गेंद दी और यही मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ- जारमन का विकेट गिरा। उसके बाद, डेरेक अंडरवुड को वापस अटैक पर लगा दिया। अंडरवुड ने 27 गेंद में, सिर्फ 6 रन दे कर, आखिरी 4 विकेट झटके और इंग्लैंड जीत गया। उस समय सिर्फ 6 मिनट बचे थे टेस्ट खत्म होने में।

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काउड्रे, टॉम ग्रेवेनी, डी'ओलिवेरा, कॉलिन मिलबर्न, जॉन एड्रिच, टेड डेक्सटर, जॉन स्नो, एलन नॉट, इलिंगवर्थ सभी बल्लेबाज को घेरे हुए थे। इनवेरेरिटी का यहां जिक्र जरूरी है- ओपनिंग करने आए थे और आखिर तक जमे हुए थे। 125 के स्कोर पर आउट होने वाले वही आखिरी बल्लेबाज थे- पूरी इंग्लिश टीम ने एक ही आवाज में अपील की और चार्ली इलियट की उंगली ऊपर उठ गई। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया, बारिश और घड़ी के साथ मुकाबले में जीत हासिल की। अंडरवुड ने 50 रन देकर 7 विकेट लिए थे। कमाल का टेस्ट था ये।

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