Cricket History - इंग्लैंड का पहला भारत दौरा 1932-33 और लाला अमरनाथ का यादगार शतक
साल 1932 में भारत को इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर अपना पहला टेस्ट खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ लेकिन अब उन्हें अपनी सरजमीं पर इंग्लैंड का सामना करना था। 1933 में डॉग्लस जार्डेन की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम भारत आई। आजादी से पहले यह भारत की सरजमीं पर इनकी आखिरी टेस्ट सीरीज थी। इस दौरान दोनों टीमों के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज का आयोजन हुआ और हर बार की तरह इस बार भी अंग्रेजों का पलड़ा भारी दिखा।
सीरीज का पहला टेस्ट मैच भारत के मशहूर बॉम्बे जिमखाना में खेला गया। दिलचस्प बात ये थी कि जिन भारतीयों को मैदान में घुसने की अनुमति मिली वो दरअसल केवल नौकर थे। हालांकि टेस्ट मैच होने के कारण उनके लिए नियम में थोड़ी ढील दी गई।
पूरे देश में इस मैच की चर्चा जोड़ो पर रह थी। सभी सरकारी दफ्तर बंद हो गए। लोगों के अंदर इस बड़े मैच के लिए उत्सुकता बेहद बढ़ गई। स्टेडियम में नए स्टैंड का निर्माण हुआ। देखते-देखते आने वाले दर्शकों की संख्या में इजाफा हुआ और यह 50 हजार के करीब पहुंच गया।
पहला मैच और भारतीय इतिहास का पहला शतक
मैच में भारत के कप्तान सीके नायडू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहली पारी में भारत के लगभग सभी बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत मिली लेकिन वो इसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाए और 219 रनों पर पूरी टीम ढ़ेर हो गई।
इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों की खबर लेते हुए पहली पारी में 438 रन बनाए। अंग्रेजों की तरफ से ब्रायन वैलेंटाइन ने 136 रनों की जबरदस्त पारी खेली। इसके अलावा सी वाल्टर्स ने 78 रन तो वहीं कप्तान डॉग्लस ने 60 रनों का योगदान दिया। पहली पारी में इंग्लैंड की टीम को 219 रनों की बढ़त मिली।
दूसरी पारी में भारत की बल्लेबाजी फिर से डगमगा गई और टीम 2 विकेट के नुकसान पर 21 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी। फिर क्रीज पर कप्तान सीके नायडू और लाला अमरनाथ की जोड़ी आई।
अमरनाथ ने दो घंटे के अंदर ही अपना शतक जमाया। यह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक था। जैसे ही अमरनाथ ने शतक पूरा किया वैसे ही दो भारतीय दर्शक अमरनाथ को फूलों की माला पहनाने मैदान पर दौड़ पड़े। दर्शकों का जूनून परवान चढ़ने लगा और वो काबू से बाहर जाने लगे। भीड़ को अमरनाथ से दूर रखने के लिए मैदान पर पुलिस को बुलाना पड़ा।
इस मैच के दौरान मैदान पर संगीत और गानों के लिए एक म्यूजिक बैंड भी था और अमरनाथ ने जब शतक पूरा किया तो तब अंग्रेजों का नेशनल एंथम "God Save The King" बज रहा था।
आउट होने के बाद जब अमरनाथ वापस पवेलियन लौट रहे थे तब मैदान पर मौजूद महिला दर्शकों ने उनके स्वागत में अपने गहनों को उनके ऊपर फेंकना शुरू किया। इस शानदार शतक के बाद कोल्हापुर और बड़ौदा के महराजाओं ने उनके लिए इनामी राशि की घोषणा की थी।
यह मैच कई चीजों के लिए सुर्खियों में रहा। कई लोग अगले दिन पुणे से ट्रेन पकड़कर स्टेडियम की ओर अग्रसर होने लगे। पहले टेस्ट मैच में अमरनाथ का ऐतिहासिक शतक ही सबसे यादगार रहा। इसके अलावा विजय मर्चेंट ने अपने डेब्यू मैच में 30 रन बनाया जिसे लोगों ने खूब सराहा। अंग्रेजों को मैच में 9 विकेट की जीत मिली।
कलकत्ता में हुए दूसरे मैच में भारत ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और यह मैच ड्रॉ रहा। मद्रास में हुए तीसरे मैच में भारतीय टीम का प्रदर्शन एक बार फिर लचर साबित हुआ और इंग्लैंड ने मैच को 202 रनों से अपने नाम किया।
इसी के साथ 3 मैचों की इस टेस्ट सीरीज में मेहमानों ने 2-0 से बाजी मारी।
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