पटना हाईकोर्ट के नए फ़ैसले के बाद बीसीए ने किया बिहार पुरुष रणजी टीम का ऐलान
पटना हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए उन फ़ैसलों पर रोक लगा दी है, जिनमें अमित कुमार के सचिव पद संभालने से लेकर नई चयन समिति के गठन की बात थी। जस्टिस शैलेश कुमार सिन्हा जिन्हें 5 अगस्त 2024 को पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद लोकपाल बनाया गया था, नए आदेश के बाद अब वह भी लोकपाल नहीं हैं। साथ ही बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) द्वारा ऐलान की गई बिहार की टीम रोहतक के लिए रवाना हो गई है। बिहार रणजी ट्रॉफ़ी 2024 के अभियान का आग़ाज़ हरियाणा के ख़िलाफ़ 11 अक्टूबर से करेगा।
पटना हाईकोर्ट के नए फ़ैसले के बाद बिहार क्रिकेट टीम की मान्यता भी रद्द हो गई है जिसका चयन अमित की अगुवाई और ज़ि़शान उल यक़ीन की अध्यक्षता में हुआ था। ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ बातचीत में बीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पटना हाईकोर्ट के पुराने आदेश (5 अगस्त 2024) का ग़लत इस्तेमाल करते हुए बिहार क्रिकेट की छवि को धूमिल करने की कोशिश हो रही थी।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,"पिछले कुछ दिनों से बिहार क्रिकेट को धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी। ऐसा नहीं होता है कोई एक व्यक्ति ख़ुद को उस संघ का सचिव घोषित कर दे जो बीसीसीआई के अधीन हो। इतना ही नहीं अपने हिसाब से वह ख़ुद का वेतन भी तय करे और एक चयन समिति बनाकर टीम की घोषणा कर दे। इतना ही नहीं उस सूची में उन खिलाड़ियों का भी नाम डाल दे जो बीसीए के प्रैक्टिस कैंप का हिस्सा थे।"
जिन खिलाड़ियों का नाम सोमवार को जारी हुई बिहार क्रिकेट दल की सूची में शामिल था, उन सभी ने बीसीए को मेल के ज़रिए ये बताया है कि उनका बीसीए के पूर्व सचिव अमित से कोई संपर्क नहीं है और न ही वे उस कैंप का हिस्सा थे जो अमित की अगुवाई में चल रहा था। ईएसपीएनक्रिकइंफो के पास भी उन मेल की कॉपी है जो खिलाड़ियों ने बीसीए को भेजा है।
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने ज़िशान से भी बात की जो उस चयन समिति के अध्यक्ष थे जिन्होंने सोमवार को बिहार रणजी टीम का चयन किया था। ज़िशान ने कहा, "मैं कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करता हूं और अभी भी जिस चयन समिति की अध्यक्षता कर रहा था वह भी लोकपाल के आदेश के बाद ही कर रहा था। मुझे इस बात की ख़ुशी है कि बिहार के खिलाड़ियों की दुविधा कम हुई और आख़िरकार वे रोहतक जा रहे हैं, मुझे ये भी अच्छा लगा कि मैंने जो टीम चुनी थी उसके कई खिलाड़ी इस टीम में भी शामिल हैं। मैंने पहले भी कहा और फिर कहूंगा मुझे किसी भी गुट से कोई लेना देना नहीं है। मेरा मक़सद बिहार क्रिकेट को बेहतर बनाना है।"
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने पटना हाईकोर्ट के नए आदेश को लेकर अमित कुमार से भी बात की, अमित ने कहा कि वह कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करते हैं लेकिन ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।
उन्होंने कहा, "सबसे पहले तो मैं न्यायालय के इस आदेश का सम्मान करता हूं। लेकिन दशहरा के बाद मैं अपने अधिवक्ता से भी इस संबंध में बात करूंगा और अगर उन्होंने सलाह दी तो मैं सुप्रीम कोर्ट में भी अर्ज़ी दाख़िल करूंगा।"
बीसीए ने रणजी ट्रॉफ़ी के पहले दो मैचों के लिए 20 सदस्यीय दल की घोषणा की है जिसकी कमान वीर प्रताप सिंह के हाथों में है।
उन्होंने कहा, "सबसे पहले तो मैं न्यायालय के इस आदेश का सम्मान करता हूं। लेकिन दशहरा के बाद मैं अपने अधिवक्ता से भी इस संबंध में बात करूंगा और अगर उन्होंने सलाह दी तो मैं सुप्रीम कोर्ट में भी अर्ज़ी दाख़िल करूंगा।"
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Article Source: IANS