क्या युवाओं की ओर रूख कर रही है बीसीसीआई?
नई दिल्ली, 24 मई | प्रशासन से लेकर टीम में युवा खिलाड़ियों के चयन तक, ऐसा लगता है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने देर सवेर ही सही युवाओं की तरफ अपना रूख कर लिया है।
बीसीसीआई ने रविवार को फतेहसिंह राव गायकवाड़ के बाद अनुराग ठाकुर को बोर्ड का सबसे युवा अध्यक्ष चुना और सोमवार को संदीप पाटिल की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने आने वाले जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम में पांच नए चेहरों को जगह दी। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से तीन बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर सांसद चुने गए ठाकुर पिछले तकरीबन एक दशक से खेल प्रशासन में सक्रिय हैं। उन्होंने रविवार को विश्व क्रिकेट के सबसे अमीर बोर्ड की विशेष आम सभा में उच्च पद हासिल किया। 26 साल की उम्र में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के अध्यक्ष चुने गए ठाकुर बीसीसीआई से सम्बद्ध इस राज्य क्रिकेट संघ के सबसे युवा अध्यक्ष भी थे।
बीसीसीआई के अधिकारियों के अनुसार, ठाकुर ने हिमाचल जैसे पिछड़े राज्य की काया पलट करने में अहम भूमिका निभाई है और उसे विश्व क्रिकेट में सबसे आकर्षक स्थल बनाया है। ठाकुर ने क्रिकेट की आधुनिकता को सिर्फ धर्मशाला तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि बिलासपुर और ऊना जैसे छोटे शहरों तक भी फैलाया है। खिलाड़ियों की बात करें तो, सोमवार को, चयन समिति ने जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज के आगामी दौरे के लिए दो युवा टीमों का चयन किया है।
जिम्बाब्वे दौरे पर खेली जाने वाली एकदिवसीय और टी-20 श्रृंखला के लिए टीम में विदर्भ के सलामी बल्लेबाज फैज फजल, कर्नाटक के करूण नायर, पंजाब के मंदीप सिंह और हरियाणा की स्पिन जोड़ी जयंत यादव एवं यजुवेन्द्र चहल को टीम में शामिल किया है। वहीं, वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली टेस्ट श्रृंखला के लिए टीम में मुंबई के युवा तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर को टीम में जगह मिली है।
सुरेश रैना, हरभजन सिंह, युवराज सिंह और अमित मिश्रा जैसे सीनियर खिलाड़ियों के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी इन खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं दी गई। रैना का आईपीएल में लगातार रन बनाना चयनकर्ताओं को प्रभावित नहीं कर सका। वहीं मुंबई के रोहित शर्मा को टेस्ट टीम में शामिल किए जाने का फैसला अचरज भरा रहा, क्योंकि रोहित ने खेल के लंबे प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।
बोर्ड और चयनकर्ताओं ने युवाओं पर अपना भरोसा जताया है और अब यह देखना रोचक होगा की वह किस तरह का प्रदर्शन करते हैं। ठाकुर और उनकी नई टीम का असली इम्तेहान जुलाई में होगा, जब उच्च न्यायालय न्यायाधीश आर.एम.लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का आदेश देगा जिसने बीसीसीआई में सफाई के सुझाव दिए थे। दूसरी तरफ खिलाड़ियों को भी अगर अंतिम एकादश में खेलने का मौका मिलता है तो उन्हें इस मौके का फायदा उठा कर टीम में अपनी जगह पक्की करने की कोशिश करनी चाहिए।
एजेंसी