'जब धोनी आये और उन्होंने पूरे देश को झूमने पर मजबूर कर दिया, तब मेरे लिए टीम इंडिया का दरवाजा बंद हो गया'
भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक हमेशा टीम से अंदर बाहर होते रहे है। एक समय ऐसा लग रहा रहा कि कार्तिक भारत के परमानेंट विकेटकीपर बल्लेबाज होंगे लेकिन फिर महेंद्र सिंह धोनी टीम में आये और उन्होंने लंबे समय तक विकेटकीपिंग का कार्यभार संभाला।
कार्तिक ने बात आकाश चोपड़ा के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा है कि पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने उन्हें बहुत प्रोत्साहित किया है और उन्हें उनकी बल्लेबाजी के लिए भी तारीफ की है।
साल 2007 के इंग्लैंड दौरे पर कार्तिक ने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 263 रन बनाए थे। तब छह पारियों में उनका औसत 43.83 था। इस दौरान उनके बल्ले से 3 अर्धशतक भी निकले थे। कार्तिक ने कहा कि इस प्रदर्शन के बाद धोनी और राहुल द्रविड़ ने उन्हें बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा।
कार्तिक ने उस दौरे को याद करते हुए कहा, "मैं कभी भी ज्यादा चीजों के बारे में सोचता नहीं हूं। मेरा तो हमेशा ही होता है कि आगे क्या आने वाला है। यही मेरा हमेशा खुद से सवाल होता है। उस समय था कि मुझे बल्लेबाज बनना है और वहां मिडिल ऑर्डर में जगह खाली थी। ओपनर के तौर पर भी एक चीज जो लोग कहते हैं और उसमें धोनी का भी नाम आता है कि आप बहुत ज्यादा टैलेंटेड है और आप ओपनिंग कर सकते हैं। इस चीज ने मुझे बहुत ज्यादा आत्मविश्वास दिया और राहुल द्रविड़ ने भी बल्लेबाजी पर ध्यान देने के लिए कहा और मुझे एक पूरा बल्लेबाज बनने की ओर अग्रसर कराया। मैं घरेलू क्रिकेट में गया और वहां पर ढेर सारे रन बनाए। मैंने वहां पर बतौर ओपनर बल्लेबाजी की और अच्छा प्रदर्शन किया।"
आगे बात करते हुए कार्तिक ने कहा कि जब धोनी ने पूरे देश को अपने प्रदर्शन से झूमने पर मजबूर कर दिया तब उन्हें पता चल गया कि विकेटकीपिंग को लेकर अब टीम में उनके लिए कोई जगह नहीं है।
दिनेश कार्तिक ने कहा, "जब धोनी आए और उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को खुश होने का मौका दिया तब मुझे पता चल गया कि मेरे लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं। विकेटकीपर का काम हमेशा हमेशा एक दशक से ज्यादा का काम होता है। इससे पहले सैयद किरमानी थे और फिर किरण मोरे। धोनी जैसा क्रिकेटर सदियों में एक बार आता है। आप इयान हिली और एडम गिलक्रिस्ट की बात कर सकते हैं, अगर आप अच्छे विकेटकीपर हैं तो कम से कम देश के लिए 10-12 साल खेल सकते हैं।"