धीमी ओवर गति की समस्या से निपटने के लिए इस तकनीक का किया जाएगा इस्तमाल, जानिए
8 अगस्त। मेरीलेबोने क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की विश्व क्रिकेट समिति ने धीमी ओवर गति की समस्या से निपटने के लिए 'शॉट क्लाक' का प्रस्ताव रखा है जो ओवर खत्म होने के बाद और दूसरा ओवर शुरू होने से पहले उपयोग में आएगी। 'शॉट क्लाक' ऐसा टाइमर होता है जो खेल की गति को धीमा होने से रोकने में काम आता है। इसमें दर्ज समय के अनुसार खिलाड़ियों को व्यवहार करना होता है अन्यथा टीम पर किसी न किसी तरह का दंड लगता है। दिनेश कार्तिक की वाइफ दीपिका हैं बहुत खूबसूरत, देखें PICS
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, एमसीसी ने यह प्रस्ताव टेस्ट में पिछले 11 साल में धीमी ओवर गति के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के कारण और टी-20 में भी लगातार इस समस्या के कारण रखा है।
एमसीसी की इस समिति में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग और श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा शामिल हैं। यह समिति शॉट क्लाक के साथ सजा के तौर पर रनों की पेनाल्टी लगाने पर भी विचार कर रही है।
हाल ही में पाया गया है कि धीमी ओवर गति का स्तर काफी गंभीर हो गया है। मामले की गंभीरता को समझते हुए आईसीसी मैच रेफरी टीमों के कप्तान पर अभी तक मैच फीस का जुर्माना लगाते रहे हैं।
पोंटिंग ने कहा कि शॉट क्लाक ओवर के दौरान उपयोग में नहीं ली जाएगी। दो ओवरों के बीच में जो समय होगा, यह उस समय उपयोग में आएगी।
पोंटिंग ने कहा, "यह तब इस्तेमाल नहीं की जाएगी जब ओवर चल रहा हो। ओवर के अंत में जब फील्डर और गेंदबाज अपनी-अपनी जगह जा रहे होंगे तब इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा जब नया बल्लेबाज क्रीज पर आएगा तब गेंदबाजी करने वाली टीम को तैयार रहना होगा। बल्लेबाज के पास भी निश्चित समय होगा।"
पोंटिंग ने कहा की समिति कई तरह की पेनाल्टी लगाने के बारे में विचार कर रही है, लेकिन इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा, "हम अभी क्या सही है क्या गलत है, इस पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन इस बात पर सहमत हैं कि खिलाड़ियों पर हाल ही में लगाए गए आर्थिक दंडों से खासकर बीते 12 महीनों में कुछ फायदा नहीं हुआ है। हमें उम्मीद है कि रनों की पेनाल्टी लगाने से कुछ फायदा होगा। इससे हमें लगता है कि कप्तान अपने ऊपर जिम्मेदारी लेंगे।"