वसीम जाफर का खुलासा,इस दिग्गज के चलते विदर्भ ने घरेलू क्रिकेट में मचाया है धमाल 

Updated: Wed, Feb 20 2019 15:15 IST
wasim jaffer (Google Search)

नई दिल्ली, 20 फरवरी| दो साल पहले तक विदर्भ की हार हैरानी की बात नहीं होती थी लेकिन जीत पर सभी को आश्चर्य होता था। आज हालात बदल चुके हैं। आलम यह है कि बीते दो साल में इस टीम ने जब भी मैदान पर कदम रखा जीत का स्वाद चखा और इस दौरान चार खिताबी जीत दर्ज की। 

विदर्भ की इन चार खिताबी जीत का हिस्सा रहे दिग्गज बल्लेबाज वसीम जाफर मानते हैं कि 2017-2018 में टीम के साथ जुड़ने वाले कोच चंद्रकांत पंड़ित ने विदर्भ की मनोदशा बदली और उसे 'कम्फर्ट जोन' से बाहर निकालकर एक विजेता टीम में तब्दील किया है। 

जाफर का मानना है कि पंड़ित के आने से टीम का नजरिया बदला क्योंकि कोच ने टीम के खिलाड़ियों को हमेशा कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित किया और इस दौरान वह हमेशा उनके साथ रहे। 

जाफर 2015 में टीम के साथ जुड़े थे, लेकिन बीते दो साल में विदर्भ में आए बदलाव के बारे में पूछने पर जाफर ने आईएएनएस से फोन पर कहा, "इसकी सबसे पहली वजह नजरिए में बदलाव है। चंद्रकांत पंड़ित के कोच बनने से नजरिए में काफी बदलाव आया है। टीम में जीत की भूख बढ़ी है। पहले उसकी कमी थी, हालांकि खिलाड़ी यही थे, लेकिन आज जो नजरिया है, वो पहले नहीं था।"

जाफर ने कहा कि पहले विदर्भ की हार आम बात थी, लेकिन अब नहीं। मुंबई के रहने वाले जाफर ने कहा, "पहले विदर्भ हार जाती तो कोई बड़ी बात नहीं मानता था। जीत जाती थी तो वो हैरान करने वाली बात होती थी। बड़ी टीम के साथ खेलती थी और हार जाती थी तो आम बात मानी जाती थी। हमसे हार की अपेक्षा की जाती थी, हमसे घर में जीत और घर से बाहर हारने की ही उम्मीद की जाती थी, लेकिन अब सोच में बदलाव आया। विदर्भ अब जब भी मैदान पर कदम रखती है वह जीतन चाहती है। यही सोच बड़ा बदलाव है। सभी खिलाड़ियों को उनके कम्फर्ट जोन से बाहर निकाला गया गया और इसलिए टीम इस तरह का प्रदर्शन कर पा रही है।"

पंड़ित मुंबई के कोच भी रह चुके हैं और उन्होंने मुंबई को भी राणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया है। इसी दौरान जाफर भी मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते थे। 

पंड़ित को करीब से जानने वाले जाफर से जब उनकी कोचिंग शैली के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "वह पुरानी स्टाइल वाले कोच हैं। वह ज्यादा टैक्निकल नहीं हैं। वह खिलाड़ियों को उसी तरह खेलने देते हैं, जैसे वो हैं। वह खिलाड़ियों के अंदर ज्यादा बदलाव नहीं करते, लेकिन वह टीम को एकजुट रखना पसंद करते हैं। वह नहीं चाहते कि टीम के दो-तीन खिलाड़ी सुपर स्टार बनकर रहें।"

दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, "पंडित मानते हैं कि टीम एक इकाई की तरह रहे। वह चाहते हैं कि टीम के सभी खिलाड़ी एक साथ रहें। टीम में अनुशासन को वह काफी तवज्जो देते हैं। वह ज्यादा तकनीक पर ध्यान देने वाले कोच नहीं हैं। वह किसी को आरामदायक स्थिति में नहीं जाने देते वह हर किसी को मेहनत के लिए प्रेरित करते हैं।"

जाफर ने कहा कि पंड़िच हर खिलाड़ी की फाइल बनाते हैं, उसका रिकार्ड रखते हैं ताकि खिलाड़ी को फीडबैक दे सकें। जाफर के मुताबिक पंडित अनुशासन को बनाए रखने में थोड़े कठोर भी हो जाते हैं, लेकिन इसके पीछे पंडित की मंशा खिलाड़ियों का भला करने की होती है। 

घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले जाफर ने कहा, "उन्होंने हर खिलाड़ी की फाइल बनाई है। मैच में कौन खिलाड़ी कैसा खेला, वह इसे लिखते हैं और खिलाड़ी को देते हैं। इससे खिलाड़ी के पास भी वो नोट्स रहते हैं कि कहां उसने अच्छा किया है। फाइन होते हैं, कोई मैच में नो बाॉल डालता है तो उस पर 500 रुपये का जुर्माना लगता है क्योंकि इस तरह की चीजों का हमें दो-तीन मर्तबा नुकसान उठाना पड़ता है। नेट में भी अगर कोई नो बॉल डालता है तो उस पर भी 200 और 250 रुपये का जुर्माना लगता है। इससे टीम को फायदा होता है। वह जो कुछ भी करते हैं वह टीम को सोच कर करते हैं।"

बीते दो साल में विदर्भ ने कई युवा खिलाड़ियों को जन्म दिया जिनमें आदित्य सरवाटे, अक्षय करनेवार, रजनीश गुरबानी जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। जाफर ने कहा कि इन सभी में बेहतरीन प्रतिभा हैं, बस उसे दर्शाने के लिए मंच की तलाश है। 

बकौल जाफर, "करनेवार शानदार खिलाड़ी है। उसके अंदर तीनों प्रारूप में खेलने की योग्यता है। वह आईपीएल में भी बेंगलोर के लिए सेलेक्ट हुए थे, लेकिन खेल नहीं पाए थे। उसका प्लस प्वाइंट यह है कि वो दोनों हाथों से गेंदबाजी कर सकता है। यह बहुत विशेष योग्यता है। अहम मौकों पर उसने बल्लेबाजी भी अच्छी की है। बहुत छोटे से गांव का लड़का है और बहुत शर्मिला भी है। यह सफलता उसे काफी मदद करेगा। मुझे उम्मीद है कि दलीप ट्रॉफी और इंडिया-ए में उसका चयन हो।"

जाफर ने कहा, "आदित्य के साथ थोड़ी फिटनेस की समस्या है लेकिन चार-पांच दिवसीय क्रिकेट के लिए वह बेहतरीन हैं। इसी तरह रजनीश गुरबानी भी टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त हैं। हां, वनडे और टी-20 के लिए उन्हें थोड़ी मेहनत करनी होगी। साथ ही थोड़ी बल्लेबाजी पर भी मेहनत करनी होगी। इन सभी में प्रतिभा तो है लेकिन इन्हें मंच मिलना चाहिए।"

अभिषेक उपाध्याय/ आईएएनएस

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