ECB की आराम और रोटेशन पॉलिसी पर उठे सवाल, नासिर हुसैन ने बताया क्या हो रहा है घाटा
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि इंग्लैंड अपने आराम और रोटेशन नीति को कुछ ज्यादा ही आगे ले गया है, जिसके चलते कई अहम खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ को भी महत्वपूर्ण सीरीज से बाहर बैठना पड़ता है।
उन्होंने साथ ही कहा कि बोर्ड को अब इस पर विराम लगाकर एक अच्छी टीम बनाने की जरुरत है। इंग्लैंड के शीर्ष खिलाड़ी जैसे कि जॉनी बेयरस्टो, सैम करेन, मोइन अली और क्रिस वोक्स जो कि आईपीएल का हिस्सा थे, वह जोए रूट की अगुवाई में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए दो टेस्ट मैचों की सीरीज में शामिल नहीं थे।
भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान बेयरस्टो और मार्क वुड ने पहले दो टेस्ट में हिस्सा नहीं था और वे चौथे टेस्ट में मैदान पर उतरे थे। इसके अलावा इंग्लैंड के विकेटकीपर जोस बटलर भी पहले मैच के बाद घर वापस लौट गए थे।
इंग्लैंड के पूर्व टेस्ट और वनडे कप्तान एलिस्टेयर कुक ने भी ईसीबी की रोटेशन पॉलिसी की आलोचना की थी और कीवी टीम के खिलाफ मिली हार का इसे मुख्य कारण बताया था।
हुसैन ने रविवार को डेली मेल के लिए अपने कॉलम में कहा, "जोए रूट को अब जितना संभव हो उतना निश्चित होना चाहिए अगर वह 1986/87 में माइक गैटिंग के बाद ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल करने वाले इंग्लैंड के दूसरे कप्तान बनने की कोशिश करने जा रहे हैं। उन्हें अपना एक हाथ बांध कर कप्तानी नहीं करनी चाहिए क्योंकि अब यह ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा।"
उन्होंने कहा, "कुछ चीजें कोविड की वजह से उनके नियंत्रण से बाहर हो गई हैं। लेकिन इंग्लैंड को अब अपनी आराम और रोटेशन नीति के बारे में सोचना चाहिए और एक शानदार योजना बनानी चाहिए। अब उन्हें उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ टीम को चुनना चाहिए और अगर फिर से अगले मैच में भी उसी टीम को चुनते है तो उन्हें परेशान नहीं होनी चाहिए। वह अगर ईमानदारी से अपने खिलाड़ियों से बातचीत करेंगे तभी खिलाड़ियों के बीच भी निश्चितता आएगी।"
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हुसैन ने कहा कि अगर वह रूट की जगह होते तो यह सुनिश्चित करते कि सभी खिलाड़ी अपने काम के प्रति सौ प्रतिशत प्रतिबद्ध रहें।