इंग्लैंड के 234 साल पुराने एक क्रिकेट क्लब ने लिया चौंकाने वाला फैसला, खिलाड़ियों के छक्के मारने पर लगा दिया बैन

Updated: Wed, Jul 24 2024 22:05 IST
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क्रिकेट जगत में एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आयी है जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इंग्लैंड के सबसे पुराने क्रिकेट क्लबों में से एक ने बल्लेबाजों के छक्के मारने पर बैन लगा दिया है। इंग्लिश क्रिकेट क्लब ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि पड़ोसियों द्वारा उनकी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने की शिकायत की गयी थी। इस क्रिकेट क्लब की स्थापना 1790 में हुई थी।

आपको बता दे कि साउथविक और शोरम क्रिकेट क्लब, जो ब्राइटन के पास है, उसके आसपास रहने वाले पड़ोसी क्लब पहुंचे और शिकायत की कि क्रिकेट गेंदें वास्तव में उनके घरों की खिड़कियों, कारों और शेड को नुकसान पहुंचा रही हैं। इस मुद्दे से निपटने के लिए क्लब ने नया नियम बनाया। नए नियम में बताया गया कि यदि खिलाड़ी छक्का मारता है तो कोई रन नहीं दिया जाएगा। यदि खिलाड़ी दूसरा छक्का मारता है तो उसे आउट दे दिया जाएगा।

डेली मेल के मुताबिक, एक खिलाड़ी इस फैसले से नाराज था और उसने कहा कि, "इन दिनों सब कुछ स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में है और बीमा कंपनियां खेल क्लबों को आकस्मिक नुकसान या दर्शकों की चोट के खिलाफ नुकसान करने के लिए भारी चार्ज ले रही हैं। यदि आप क्रिकेट मैदान के बगल में एक घर खरीदते हैं, तो आपको अपने बगीचे में कुछ क्रिकेट गेंदों को आने की उम्मीद होगी।" 

मैरी गिल नाम की एक स्थानीय निवासी ने क्लब के छक्कों पर बैन लगाने के फैसले का स्वागत किया। निवासी ने कहा कि, "मैं जीवन भर यहीं रहा हूं और मुझे लगता है कि बैन एक अच्छी बात है। यह बहुत छोटा मैदान है और इसमें टेस्टोस्टेरोन से भरपूर युवा शामिल नहीं हो सकते जो गेंद को जितनी दूर तक संभव हो हिट करना चाहते हैं। मुझसे पहले मेरे माता-पिता और दादा-दादी इस घर में रहते थे और क्रिकेट की गेंदें हमेशा ऊपर जाती थीं और नुकसान पहुंचाती थी।"

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इस बीच, क्लब के कोषाध्यक्ष (treasurer) मार्क ब्रॉक्सअप ने क्लब के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि निवासियों की प्रॉपर्टीज को नुकसान होने से क्लब के फाइनेंस पर भारी असर पड़ रहा है। ब्रॉक्सअप ने कहा कि, "हमने अतीत में कुछ घटनाओं के बाद मैदान पर छक्कों पर बैन लगाने का प्रोएक्टिव फैसला लिया, जब कारों, घरों और यहां तक ​​कि छतों को भी नुकसान पहुंचा था। हम नहीं चाहते कि हमें महंगा बीमा चुकाना पड़े या हमारे खिलाफ कोई कानूनी दावा हो, इसलिए ऐसा करना एक समझदारी भरा काम लगता है।"

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