रोजर बिन्नी: पहले एंग्लो-इंडियन क्रिकेटर, बेटे स्टुअर्ट का नाम आते ही छोड़ देते थे सेलेक्शन मीटिंग
सौरव गांगुली की बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से छुट्टी हो चुकी है। लगभग-लगभग इस बात पर मुहर लग चुकी है कि सौरव गांगुली की जगह अब भारतीय ऑलराउंडर रोजर बिन्नी (Roger Binny) BCCI के नए अध्यक्ष होंगे। 1983 वर्ल्ड कप की टीम में शामिल रोजर बिन्नी की पूरी कहानी जानना जरूरी है जो अब बीसीसीआई के नए बॉस बनने जा रहे हैं।
भारत का पहला एंग्लो-इंडियन क्रिकेटर: फिलहाल कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के लिए काम कर रहे रोजर बिन्नी का जन्म 19 जुलाई 1955 को बैंगलोर में हुआ था। रोजर बिन्नी के बारे में ये बात बेहद कम लोग जानते हैं कि वो भारत के पहले एंग्लो-इंडियन क्रिकेटर हैं। रोजर बिन्नी मूल रूप से स्कॉटलैंड के रहने वाले हैं जो बाद में आकर भारत में बसे थे।
ओपनिंग विकेट के लिए जोड़े थे 451 रन: साल 1977-78 के दौरान कर्नाटक की तरफ से खेलते हुए रोजर बिन्नी ने नाबाद 211 रन की पारी खेलकर सभी का ध्यान खींचा था। इस मैच में साथी खिलाड़ी संजय देसाई के साथ मिलकर रोजर बिन्नी ने ओपनिंग विकेट के लिए 451 रन की साझेदारी की थी।
बेटे का नाम सेलेक्शन के लिए आया तो छोड़ दी मीटिंग: साल 2012 में रोजर बिन्नी को भारतीय क्रिकेट टीम का सेलेक्टर चुना गया। उनके कार्यकाल में रहते हुए ही उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी को टीम इंडिया में चुना गया था। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने उस वक्त बताया था कि जब-जब बेटे का नाम सेलेक्शन के लिए आया तब-तब वो मीटिंग छोड़ बाहर चले जाते थे। स्टुअर्ट बिन्नी का सेलेक्शन कमेटी के दूसरे सदस्यों द्वारा किया जाता था।
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कुछ ऐसा रहा इंटरनेशनल करियर: रोजर बिन्नी ने भारत के लिए 27 टेस्ट और 72 वनडे मैच खेले। टेस्ट मैचों में रोजर बिन्नी ने 47 तो वनडे क्रिकेट में 77 विकेट लिए। टीम इंडिया ने जब साल 2000 में मोहम्मद कैफ की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था तब बिन्नी अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम के हेड कोच थे।