'मैंने कोहली को कप्तानी से नहीं हटाया था', सौरव गांगुली का सनसनीखेज खुलासा
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। गांगुली ने हाल ही में ये साफ कर दिया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विराट कोहली को भारत की कप्तानी से नहीं हटाया था। 2021 टी-20 विश्व कप में भारत के ग्रुप-स्टेज से बाहर होने के बाद कोहली ने टी-20 कप्तानी छोड़ दी थी, लेकिन विराट ने वनडे और टेस्ट में टीम का नेतृत्व जारी रखने की इच्छा व्यक्त की थी।
हालांकि, टी-20 के साथ-साथ उन्हें वनडे में भी कप्तानी से हटा दिया गया था जिसे लेकर काफी बवाल हुआ था। इसके बाद निराश विराट कोहली ने जनवरी 2022 में ऐलान करते हुए कहा था कि वो टेस्ट कप्तानी भी छोड़ देंगे। इस घटना के बाद तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली की सोशल मीडिया पर भारी आलोचना हुई क्योंकि कई लोगों का मानना था कि कोहली के फैसले में उनकी भूमिका थी। इसके बाद रोहित शर्मा को भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में कप्तान बनाया गया।
हाल ही में गांगुली द्वारा आयोजित एक शो के दौरान, एक वीडियो दिखाया गया था जहां 'प्रिंस ऑफ बंगाल ' को कोहली को भारत के कप्तान के रूप में बर्खास्त करने और उनके स्थान पर रोहित को नियुक्त करने का श्रेय दिया गया था। भारत के पूर्व कप्तान ने वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसका केवल एक हिस्सा ही सही है। उन्होंने साफ किया कि कोहली को बर्खास्त करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
गांगुली ने रियलिटी शो दादागिरी अनलिमिटेड सीजन 10 में बोलते हुए कहा, "मैंने विराट को कप्तानी से नहीं हटाया। मैंने ये कई बार कहा है। वो टी-20 में नेतृत्व करने में रुचि नहीं रखते थे। इसलिए, जब उन्होंने ये निर्णय लिया, तो मैंने उनसे कहा, यदि आप टी-20 में नेतृत्व करने में रुचि नहीं रखते हैं तो बेहतर होगा कि आप पूरी व्हाइट बॉल की कप्तानी से ही हट जाएं। एक व्हाइट बॉल वाला कप्तान और एक लाल गेंद वाला कप्तान होने दीजिए।"
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इसके साथ ही गांगुली ने ये भी कहा कि रोहित को तीनों प्रारूपों में कप्तानी करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। हालांकि, वो रोहित को समझाने में कामयाब रहे। गांगुली ने कहा, "मैंने रोहित शर्मा पर कप्तानी की भूमिका निभाने के लिए थोड़ा दबाव डाला क्योंकि वो खेल के तीनों प्रारूपों में नेतृत्व करने में रुचि नहीं रखते थे। इसलिए, शायद इसमें मेरा थोड़ा योगदान है लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रशासन कौन कर रहा है, ये खिलाड़ी हैं जो मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। मुझे भारतीय क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम करने के लिए बीसीसीआई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, ये इसका एक छोटा सा हिस्सा है।"