पहली चुनौती में आयरलैंड को मात देने उतरेगा भारत (प्रीव्यू)
भारतीय टीम एक बार 2007 में टी20 विश्व कप जीत चुकी है, वहीं आयरलैंड की टीम 2009 में सुपर-8 में पहुंची थी। टी20 विश्व कप 2022 में भारतीय टीम को सेमीफ़ाइनल में हार मिली थी, जबकि आयरलैंड की टीम सुपर-12 में बाहर हो गई थी।
हालिया फ़ॉर्म
भारतीय टीम ने इस साल की शुरुआत में आख़िरी बार कोई टी20 मैच सीरीज़ खेली थी, जिसमें भारतीय टीम ने अफ़ग़ानिस्तान को 3-0 से हराया था। हालांकि भारत के सभी खिलाड़ी दो महीने का आईपीएल खेल कर आ रहे हैं और फ़िलहाल टी20 की लय में हैं। भारत ने विश्व कप से पहले एकमात्र अभ्यास मैच में बांग्लादेश को 60 रन से हराया था।
वहीं आयरलैंड की बात की जाए तो आयरलैंड ने मई 2024 में स्कॉटलैंड और आयरलैंड के ख़िलाफ़ एक त्रिकोणीय सीरीज़ खेली थी, जिसमें वह चार मैचों में अजेय होते हुए विजेता बनी थी। इसके पहले उन्होंने पाकिस्तान को भी तीन मैचों की सीरीज़ के दौरान एक मैच में हराया था। हालांकि यह सीरीज़ पाकिस्तान ने 2-1 से जीती थी।
प्रमुख खिलाड़ी
विराट कोहली टी20 विश्व कप के सबसे सफल बल्लेबाज़ रहे हैं। उन्होंने 25 विश्व कप पारियों में सर्वाधिक 1141 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका औसत भी 81.5 का रहा है, जो कि टूर्नामेंट के इतिहास में कम से कम 400 रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में सर्वाधिक है। इसके अलावा उनके नाम 25 पारियों में 14 विश्व कप अर्धशतक हैं, जो कि फिर से विश्व में सर्वाधिक है।
हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि विराट कहां बल्लेबाज़ी करेंगे। हाल ही में संपन्न हुए आईपीएल में वह आरसीबी की तरफ़ से ओपनिंग करते हुए नज़र आए थे, जहां पर वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाकर ऑरेन्ज कैप विजेता बने थे। टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की बात करें तो कोहली ने नौ टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में ओपनिंग की है, जिसमें वह 57 की औसत और 161 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। इसमें दो अर्धशतक और एक शतक भी शामिल है। लेकिन कोहली ने टी20 में अधिकतर तीन नंबर पर बल्लेबाज़ी की है, जहां वह 54 की औसत से 3000 से अधिक रन बना चुके हैं।
वहीं आयरलैंड की बात करें तो जॉश लिटिल की अगुवाई में उनके तेज़ गेंदबाज़ उनके प्रमुख हथियार होंगे, जहां स्पिनर्स जॉर्ज डॉकरेल और गैरेथ डेलनी उनका सहयोग करेंगे। पिछले टी20 विश्व कप के बाद से आयरलैंड की 70 फीसदी गेंदबाज़ी तेज़ गेंदबाज़ों ने की है। वहीं स्पिनर्स डॉकरेल और डेलेनी की ख़ास बात है कि वे लोग गेंदबाज़ी के साथ-साथ गेंद के अच्छे स्ट्राइकर भी हैं। डेलेनी पिछले विश्व कप के बाद से 155 के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं, वहीं डॉकरेल मध्य ओवरों में स्पिनरों के ख़िलाफ़ 154 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं।