किस्सा वानखेड़े स्टेडियम में लगी डॉन ब्रैडमैन की उस पेंटिंग का जिसे टीम इंडिया ने लाइफलाइन दी  

Updated: Wed, Jan 08 2025 10:38 IST
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2024 बॉक्सिंग डे टेस्ट की पिछले दिनों अलग-अलग वजह से बड़ी चर्चा हुई। खेल से हटें तो एक ख़ास फैक्ट था टेस्ट देखने आए दर्शकों की गिनती का रिकॉर्ड। दोनों टीम के बीच ये ऐसा हाई-ऑक्टेन टेस्ट था ये कि आखिरी दिन तो लंच तक स्टैंड इतने  भर गए थे कि ब्रैडमैन युग (1936-37) के किसी भी टेस्ट (एशेज: 350,543) और किसी भी बॉक्सिंग डे इवेंट के 6 दिनों में दर्शकों की गिनती का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 

2024 भारत-ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न टेस्ट को 5 दिन में 373691 दर्शकों ने देखा। ऑस्ट्रेलिया में बॉक्सिंग डे टेस्ट, हर साल सबसे चर्चित खेल आयोजन में से एक है। दर्शकों की इस गिनती को सबसे ज्यादा चर्चा इसलिए मिली कि उस टेस्ट की गिनती का रिकॉर्ड टूटा जिसमें ब्रैडमैन खेले थे। क्रिकेट में, और ख़ास तौर पर ऑस्ट्रेलिया में ये बहुत बड़ा नाम है। और एक ख़ास बात ये कि आज जबकि ये कहा जा रहा है कि टेस्ट देखने की चाह रखने वालों की गिनती लगातार कम हो रही है, ऐसा रिकॉर्ड बन गया। ज्यादातर देशों में टेस्ट, लगभग  खाली स्टेडियम में खेल रहे हैं। 

ऐसा नहीं कि ऑस्ट्रेलिया में हर बॉक्सिंग डे टेस्ट लोकप्रिय रहा और खूब भीड़ जुटी- पिछले 40 सालों में सिर्फ 5 बार दर्शकों की गिनती 2 लाख रही है। इस बार के टेस्ट में हर रोज

स्टेडियम आए दर्शक :

* पहले दिन : 87242
* दूसरे दिन : 85147
* तीसरे दिन : 83073
* चौथे दिन 43867 
* पांचवें दिन : 74362 
* कुल दर्शक : 373691 
* मेलबर्न में भारत के किसी मैच में, एक दिन के खेल में सबसे ज्यादा दर्शक का रिकॉर्ड : 2022 टी20 वर्ल्ड  कप में भारत-पाकिस्तान मैच में 90293
* मेलबर्न में एक दिन के खेल में सबसे ज्यादा दर्शक का रिकॉर्ड : 2013 में इंग्लैंड के विरुद्ध बॉक्सिंग डे टेस्ट में 91112 
* टेस्ट में दर्शक की सबसे बड़ी गिनती का रिकॉर्ड : कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत-पाकिस्तान, 1999 मैच में 4.65+ लाख दर्शक 

अब चर्चा करते हैं उस एमसीजी बॉक्सिंग डे टेस्ट की जिसे रिकॉर्ड 350543 दर्शकों ने देखा था। आखिरकार क्या ख़ास था उस टेस्ट में कि इतनी बड़ी गिनती में दर्शक आए? ब्रैडमैन ने उस टेस्ट में 270 का स्कोर बनाया था जो उनकी सबसे बेहतरीन इनिंग में से एक गिने जाते हैं। 

ब्रैडमैन की बैटिंग पर भी बॉडीलाइन पॉलिसी का असर आया था और इसके बाद, 13 फर्स्ट क्लास इनिंग में एक बार भी 100 नहीं बनाया। ये उनके करियर का, बिना 100 का, सबसे लंबा स्पैल था। 1934 एशेज में वह फॉर्म में लौटे लेकिन अपेंडिसाइटिस की वजह से 1935-36 में दक्षिण अफ्रीका टूर पर नहीं गए। चैपल भाइयों के दादा विक रिचर्डसन तब कप्तान बने और सीरीज 4-0 से जीते। इसके बावजूद, 1936-37 एशेज सीरीज के लिए ब्रैडमैन को कप्तान बना दिया।

ये वही सीरीज है जो ब्रैडमैन और सिलेक्टर्स की साजिश से गजब के गेंदबाज क्लेरी ग्रिमेट को टीम से बाहर करने और 4 खिलाड़ियों के डेब्यू के लिए खूब बदनाम हुई। ऑस्ट्रेलिया की पहले दो टेस्ट में लगातार हार ने इसे और उलझा दिया। अब आते हैं एमसीजी में तीसरे टेस्ट पर। ब्रैडमैन पहली पारी में 13 रन पर आउट हुए और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर रहा 200-9 पारी समाप्त। गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट में वापस ले आए और जब इंग्लैंड का स्कोर 76-9 था तो मेहमान कप्तान गबी एलन ने ख़राब हो रही पिच का फायदा उठाने के लिए पारी समाप्त घोषित कर दी। 

 ब्रैडमैन ने इस सोच का जवाब दिया और अपने बड़े बल्लेबाज रोक लिए और टेलेंडर भेज दिए बेटिंग करने। एक समय 221 रन की लीड थी और 5 विकेट बचे थे। यहां ब्रैडमैन खेलने आए और लगभग 88000 दर्शक स्टेडियम में थे उनकी बैटिंग देखने। दिन के अंत तक स्कोर 194-5 (ब्रैडमैन 56*और जैक फिंगलटन 39*) था और 97 रन जोड़ लिए थे पार्टनरशिप में।

अगले दिन ब्रैडमैन और बेहतर खेले हालांकि उन्हें फ्लू हो गया था और बुखार था। 458 मिनट में 375 गेंद पर 22 चौकों की मदद से 270 रन बनाए। ये तब उनका चौथा सबसे बड़ा स्कोर थे और आखिरी बार टेस्ट में 250 का स्कोर पार किया। ऑस्ट्रेलिया ने आखिरकार ये टेस्ट 365 रन से जीता। ये ब्रैडमैन की इस पारी की बदौलत सीरीज में गजब का टर्न अराउंड था- ऑस्ट्रेलिया ने अगले दो टेस्ट भी जीते और एशेज 3-2 से जीती।

इस टेस्ट की एक बड़ी अनोखी बात थी जिसे भारत में किसी ने नोट नहीं किया या बहुत जल्दी भुला दिया। ये किस्सा है एक पेंटिंग का। 25 जून 1997 को वानखेड़े स्टेडियम में  'ब्रैडमैन वॉक टू ग्लोरी प्रोजेक्ट (Bradman Walk to Glory Project)' के अंतर्गत एक पेंटिंग प्रदर्शित हुई थी जो इस प्रोजेक्ट का एक ख़ास हिस्सा थी। ये ब्रैडमैन की पेंटिंग थी और पिक्चर थी उस मेलबर्न टेस्ट (जिसका ऊपर जिक्र है) की दूसरी पारी में बैटिंग के लिए ग्राउंड में आ रहे ब्रैडमैन की। बताया गया कि इसके प्रदर्शन के मौके पर ब्रैडमैन खुद मुंबई आना चाहते थे पर उनकी 88 साल की उम्र की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें इतने लंबे सफर की इजाजत नहीं दी। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन, तब मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर मनोहर जोशी ने किया था।

क्या आप जानते हैं तब, ऐतिहासिक महत्व की वजह से, इस पेंटिंग की कीमत क्या थी- 1 मिलियन ऑस्ट्रेलिया डॉलर (आज के हिसाब से लगभग 5.34 करोड़ रुपये)। ये आयल पेंटिंग बनाई इंग्लिश आर्टिस्ट कॉलिन डुडले (Colin Dudley) ने। इस पर पीतल का फ्रेम है। इसे ऑस्ट्रेलिया से बाहर सिर्फ 2 देश में ले गए प्रदर्शनी के लिए और इनमें से एक भारत था। प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ था 28 मई को एमसीजी के लॉन्ग रूम से। उसके बाद 20 जून को लॉर्ड्स में और मुंबई इस पेंटिंग का तीसरा पड़ाव था। इस पेंटिंग के ऑक्शन से इकट्ठा हुआ पैसा चैरिटी और ब्रैडमैन म्यूजियम ने बांटा। बाद में, इस पेंटिंग के 99 लिमिटेड एडिशन प्रिंट बने, हर एक पर खुद डॉन ने ऑटोग्राफ दिए, हर पेंटिंग पर एक नंबर है ताकि रिकॉर्ड रहे कि ये किसके पास है और हर ऐसे प्रिंट को 20000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (आज 10.67 लाख रुपये) में बेचा। ऐसा एक प्रिंट मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को गिफ्ट मिला। 

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- चरनपाल सिंह सोबती
 

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