T20 वर्ल्ड कप में ही बनी थी टी-20 इंटरनेशनल की पहली हैट्रिक, ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ने रचा था इतिहास
वह 16 सितंबर, 2007 का दिन था और टी20 वर्ल्ड कप चल रहा था। उस मैच में ब्रेट ली की हैट्रिक ने ऑस्ट्रेलिया के बांग्लादेश को हराने में ख़ास भूमिका निभाई थी। तब इसे वर्ल्ड टी20 के नाम से खेले थे और टी20 इंटरनेशनल का ये पहला ग्लोबल आयोजन कई तरह से खास रहा था। इन्हीं में से एक बांग्लादेश के विरुद्ध ब्रेट ली की हैट्रिक को गिनते हैं और केपटाउन में इतिहास रच दिया। वह टी20 इंटरनेशनल में भी हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी बने और ये रिकॉर्ड हमेशा उनके नाम रहेगा।
ब्रेट ली की ये हैट्रिक उस मैच में ऑस्ट्रेलिया की सुपर 8 राउंड में बांग्लादेश पर 9 विकेट से जीत की सबसे बड़ी चर्चा थी। बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी की और 123-8 का साधारण सा स्कोर बनाया था। इसके जवाब में एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन ने तेजी से ओपनिंग पार्टनरशिप की और जब ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की तो उन के हिस्से के 6.1 ओवर बचे थे।
जब ली अपने दूसरे स्पैल के लिए आए तो बांग्लादेश 16 ओवर में 103-3 के स्कोर पर जूझ रहा था। आफताब अहमद ने एक चौका लगाया और फिर एक रन लिया और उसके बाद- शाकिब अल हसन 16 रन पर कैच और नए बल्लेबाज मशरफे मुर्तजा ने अगली गेंद पर स्लॉग की कोशिश की लेकिन धीमी यॉर्कर से धोखा खा गए और बोल्ड हो गए। अब ब्रेट ली हैट्रिक पर थे। फील्डर सर्कल में आ गए और इसी दबाव में नए बल्लेबाज आलोक कपाली ने जैसे ही गेंद लेग साइड पर पुश करने की कोशिश की- एलबीडब्ल्यू हो गए। ली ने 27 रन देकर तीन विकेट लिए। टी20 इंटरनेशनल हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए ली और बांग्लादेश पारी में, ली की हैट्रिक से उबर नहीं पाया। यहां तक कि, इसी मैच में, नाथन ब्रैकेन के पास भी आखिरी ओवर में हैट्रिक लेने का मौका था लेकिन वह चूक गए। ली की हैट्रिक के बाद, टी20 इंटरनेशनल में हैट्रिक का सिलसिला शुरू हो गया और रिकॉर्ड बनते गए।
तेज गेंदबाज के तौर पर इंटरनेशनल क्रिकेट में ब्रेट ली की एंट्री किसी सनसनी से कम नहीं थी और 21वीं सदी के शुरू के सालों में ऑस्ट्रेलिया टीम की कामयाबी में एक ख़ास नाम थे- 2003 और 2007 की वनडे वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा थे, तो 2007 में पहले टी20 वर्ल्ड कप में भी खेले थे। वास्तव में ये ब्रेट ली की दूसरी हैट्रिक थी- इससे पहले 2003 वनडे वर्ल्ड कप के दौरान डरबन में केन्या के खिलाफ हैट्रिक ली थी।
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अपने करियर के ज्यादातर हिस्से में, लगातार फिटनेस के सवाल के बावजूद वे ग्लेन मैक्ग्रा और जेसन गिलेस्पी के लिए बहुत बड़ी सपोर्ट थे। एक और ख़ास खूबी- ग्राउंड के बाहर जेंटलमैन लेकिन ग्राउंड पर अटैकिंग मूड में पर ऑस्ट्रेलिया के अन्य कुछ तेज गेंदबाज की तुलना में शायद ही कभी टॉप पर रहे। लिमिटेड ओवर क्रिकेट करियर लंबा करने के लिए 2010 की शुरुआत में टेस्ट से रिटायर हो गए और जुलाई 2012 में सभी इंटरनेशनल क्रिकेट से। भारत से उनका ख़ास नाता है और मजे की बात ये कि क्रिकेट की चर्चा से ज्यादा एंटरटेनमेंट वर्ल्ड की चर्चा में रहे।