तेजस्वी यादव : असफल क्रिकेटर से उप मुख्यमंत्री तक का सफर
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बिहार के उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन क्या आपको पता है कि राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद दूसरे सबसे महत्वपूर्ण पद पर काबिज होने वाले 26 साल के तेजस्वी यादव महत्त्वाकांक्षी क्रिकेटर भी रह चुके हैं।
तेजस्वी राजनीति की पिच पर शानदार शुरूआत करने से पहले प्रोफेशनल क्रिकेट में भी हाथ आजमा चुके हैं। लेकिन उन्हें वहां वह सफलता हाथ नहीं लगी जो राजनीति के क्षेत्र में मिली।
दिल्ली की अंडर 19 क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने के बाद तेजस्वी को झारखंड की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला था। लेकिन वह इस मौके के दौरान कोई छाप नहीं छोड़ पाए।
तेजस्वी ने साल 2009 में विदर्भ के खिलाफ झारखंड की तरफ से रणजी ट्रॉफी में डैब्यू किया था औऱ पहली पारी में 1 और दूसरी पारी में 19 रन ही बन पाए थे। इस नाकामी के बाद तेजस्वी ने दोबारा कोई रणजी मैच नहीं खेला। विजय हजारे ट्रॉफी में उड़ीसा के खिलाफ एक मुकाबले के लिए तेजस्वी को झारखंड की टीम में जगह दी गई। इस मैच में वह केवल 9 रन ही बना पाए।
मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने वाले तेजस्वी ने 4 टी-20 मैच भी खेले जिसमें उन्हें एक बार बल्लेबाजी करने का मौका मिला जहां वह 3 रन ही बना पाए। तीन पारियों में उन्होंने गेंदबाजी भी की और 8.33 की इकोनमी रेट से 36 रन दिए।
आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में थे शामिल
स्टेट लेवल पर फेल होने के बाद तेजस्वी को दुनिया की सबसे महंगी लीग आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने का मौका भी मिला। तेजस्वी चार सीजन तक आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम का हिस्सा रहे। ये अलग बात है कि उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। जिससे तेजस्वी को काफी निराशा हुई थी।
साल 2012 को एक अखबार से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने कहा था कि “यह मेरे लिए निराशाजनक है कि बाकी सब खेल रहे हैं और मैं अभी भी अपने मौके का इंतजार कर रहा हूं।
अब देखना होगा कि क्रिकेटर से राजनेता बने तेजस्वी यादव बिहार में क्रिकेट के लिए क्या करते हैं। बीसीसीआई द्वारा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से संबद्धता वापस लेने कारण बिहार पिछले 14 साल से रणजी ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले चुका है।