जब 'पानी' ने CSK और KKR का आईपीएल मैच में टॉस 15 मिनट लेट करा दिया था

Updated: Thu, Apr 04 2024 15:23 IST
Image Source: BCCI

आईपीएल 2024 में मैचों का सिलसिला शुरू होने से पहले, बेंगलुरु के इन दिनों के पानी के संकट को लेकर यहां तक मांग हुई कि पानी बचाने के लिए बेंगलुरु में मैच ही मत खेलो। खैर वहां मैच तो हो रहे हैं पर पानी, बेंगलुरु और आईपीएल का जब एक साथ जिक्र हो तो ध्यान सीधे आईपीएल के 2018 के एक किस्से पर चला जाता है- तब सेंटर चेन्नई था और वहां से, इसी पानी की वजह से मैच हटाने की मांग हुई थी और इस मांग के तार सीधे बेंगलुरु से जुड़ते थे। 

 

तब तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच पानी के बंटवारे को लेकर बड़े तनाव का माहौल बना हुआ था- इसे कावेरी विवाद के नाम से जाना जाता है। सीजन का चेन्नई में पहला मैच 10 अप्रैल को कोलकाता नाइट राइडर्स-चेन्नई सुपर किंग्स था और प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि उनके दो हफ्ते से चल रहे आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए चेन्नई में आईपीएल मैच खेल रहे हैं- इसलिए वे मैच नहीं होने देंगे। मांग थी चेन्नई से आईपीएल मैच हटाओ। इसी मांग के सपोर्ट में, आईपीएल का विरोध चेन्नई की सड़कों पर शुरू हो गया। 

स्टेडियम की तरफ जाने वाली सड़कों पर दोपहर से ही भीड़ जमा हो गई। प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू हो गए जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। स्टेडियम के सामने पुलिस बंदोबस्त के बावजूद भारी भीड़ जमा थी। सभी बड़े गेट बंद थे। भीड़ ने चेपॉक के आसपास की सड़कों को घेर लिया था- ख़ास तौर पर अन्ना सलाई, वालजाह रोड और बेल्स रोड बंद हो गईं। भीड़ ने कुछ पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज भी किया। और तो और, बिक रही घरेलू टीम की पीली जर्सियों में आग लगा दी। चेन्नई फिल्म इंडस्ट्री की कई मशहूर हस्तियां भी इस प्रोटेस्ट में शामिल थीं। निगरानी के लिए- एक हेलीकॉप्टर चेपॉक के ऊपर आसमान में चक्कर लगा रहा था।

ऐसे में टीम बस को इन रास्तों से स्टेडियम लाना बड़े जोखिम का काम था। रास्ते बदले और कुछ दूरी पर बस रोक कर खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को पीछे के एक गेट से स्टेडियम के अंदर दाखिल कराया। गड़बड़ ये हुई कि अंपायर एक अलग गाड़ी में थे और उसके ड्राइवर ने रास्ता न बदला। टॉस का समय हो गया पर टॉस कैसे हो- अंपायर तो ग्राउंड में थे ही नहीं। अंपायरों की गाड़ी ट्रेफिक में फंस गई थी। लगभग 10 मिनट बाद अंपायर ग्राउंड पहुंचे और लगभग 15 मिनट की देरी से टॉस हुआ।

तब आईपीएल चीफ राजीव शुक्ला थे और वे बोले- आईपीएल को निशाना बनाना गलत है। कावेरी और क्रिकेट को एक साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा स्टेट और देश की सरकार से इस मामले में आईपीएल को पूरा सपोर्ट मिल रहा है। ये सब देखते हुए भी बाकी के चेन्नई के मैचों को भी वहां से हटाने का कोई इरादा नहीं था।

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कुछ ही दर्शक स्टेडियम पहुंच पाए और जब टॉस हुआ तो स्टेडियम लगभग खाली पड़ा था। दर्शकों की खूब तलाशी हो रही थी ताकि कुछ ऐसा न ला पाएं जिससे स्टेडियम के अंदर भी प्रोटेस्ट जैसा नजारा बन जाए। और कुछ नहीं था तो मैच के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने जूते फेंके। मैच के दौरान, बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे फाफ डु प्लेसिस और रवींद्र जडेजा पर जूता फेंकने का मामला भी सामने आया और पुलिस ने कुछ को हिरासत में भी लिया। ये मेजबान टीम का, फिक्सिंग के आरोप में, दो साल के बैन के बाद पहला मैच था- इस नाते खचाखच भरे स्टेडियम की उम्मीद हो रही थी पर यहां तो मामला ही कुछ और बन गया।

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